Ranchi: झारखंड के शिक्षा विभाग में लापरवाही को लेकर एक बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया गया है। राज्य के 15 जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) काअप्रैल माह का वेतन रोक दिया गयाहै। माध्यमिक शिक्षा निदेशकराजेश प्रसादने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए संबंधित अधिकारियों कोकारण बताओ नोटिसजारी किया है और तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है।
क्या है मामला?
झारखंड सरकार द्वारा 7 अप्रैल 2025 को ही शिक्षकों के वेतन के लिए सभी जिलों को बजट आवंटित कर दिया गया था। लेकिन इसके बावजूद 23 अप्रैल की शाम 5 बजे तकअधिकांश जिलों में शिक्षकों को वेतन नहीं मिला। कोषागारों से वेतन की राशि की निकासी नहीं की गई, जो स्पष्ट रूप से प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है।यह मामला पूरे झारखंड राज्य के 15 जिलोंमें सामने आया है, जहाँ शिक्षकों का वेतन समय पर नहीं जारी किया गया। निदेशालय ने 23 अप्रैल को स्थिति की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने स्पष्ट किया किशिक्षकों को समय पर वेतन न देना न केवल गंभीर प्रशासनिक लापरवाही है, बल्कि इससे राज्य कीशैक्षणिक व्यवस्थापर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह सरकार के प्रति जवाबदेही को भी कमजोर करता है।
यदि संबंधित डीईओनिर्धारित समय के भीतर संतोषजनक उत्तरनहीं देते हैं, तो उनके विरुद्धअनुशासनात्मक कार्रवाईकी जा सकती है। इससे अन्य जिलों के अधिकारियों को भी चेतावनी मिलेगी कि शिक्षक हितों के साथ किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।