जमशेदपुर: सिदगोड़ा थाना क्षेत्र के भुइयांडीह इलाके में सुवर्णरेखा नदी में डूबे दो किशोरों के शव मिलने के बाद इलाके में आक्रोश का माहौल है। बुधवार को स्थानीय लोगों ने शव बरामद करने पहुंची पुलिस का जोरदार विरोध किया। लोगों ने आरोप लगाया कि हादसे के वक्त ना तो प्रशासन, ना ही एनडीआरएफ और ना ही स्थानीय विधायक ने कोई मदद की।
स्थानीय लोगों की मदद से ही दोनों किशोरों के शव नदी से बाहर निकाले गए। मंगलवार को बाबूडीह झरना घाट में नहाने गए तीन किशोरों में से दो, निखिल महानंद मुखी और सूरज सांडिल, नदी में डूब गए थे। तीसरा किशोर, सूरज नायक, किसी तरह बच निकला।
पहले किशोर का शव बुधवार को और दूसरे किशोर का शव गुरुवार को बरामद किया गया। शव बरामदगी के बाद पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन लोगों ने शव सौंपने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि जब मदद की ज़रूरत थी, तब कोई भी प्रशासनिक अधिकारी या विधायक नहीं आया, फिर अब शव लेने क्यों आए हैं।
लोगों ने जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा दास साहू के खिलाफ भी नाराजगी जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि मदद की गुहार लगाने के बावजूद विधायक और उनके पीए का व्यवहार असंवेदनशील था और कोई राहत नहीं पहुंचाई गई।
इस घटना ने एक बार फिर आपदा प्रबंधन और प्रशासनिक संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग अब जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।