जमशेदपुर के बिस्टुपुर स्थित चैंबर भवन सभागार में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि झारखंड में पेसा कानून (PESA Act) को शीघ्र लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को इस विषय में नोटिस भी भेजा है, ऐसे में अब राज्य सरकार को निर्णय लेना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब वे स्वयं को आदिवासियों का हितैषी बताते हैं, तो फिर किस दबाव में पेसा कानून लागू नहीं कर रहे हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कुछ शक्तियाँ ऐसी हैं, जो इस कानून को लागू नहीं होने देना चाहतीं।
उन्होंने यह भी कहा कि पेसा कानून लागू होने से सबसे अधिक लाभ आदिवासी समाज को ही मिलेगा। देश के आठ राज्यों में यह कानून पहले से लागू है, लेकिन झारखंड और ओडिशा इससे वंचित हैं।
रघुवर दास ने कहा कि आदिवासी समाज अब जागरूक हो रहा है और इस कानून की मांग को लेकर आंदोलनरत है। उन्होंने "उलगुलान" की जरूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि जैसे आदिवासियों ने अंग्रेजी शासन के विरुद्ध संघर्ष किया था, वैसे ही अब उन्हें पेसा कानून के लिए आवाज़ उठानी होगी।
बारिश के मौसम के बाद वे जन चौपाल के माध्यम से जन-जागरण अभियान चलाएंगे और जब तक यह कानून लागू नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा।