• 2025-06-18

Jamshedpur Terror Threat: जमशेदपुर में आतंक का खतरा! 18 स्लीपर सेल सक्रिय होने की आशंका, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर

Jamshedpur: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में आ गई हैं। इसी क्रम में खुफिया एजेंसियों ने जमशेदपुर शहर को लेकर एक बड़ा इनपुट साझा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, शहर में कुल 18 स्लीपर सेल के सक्रिय होने की आशंका जताई गई है, जिनमें से कई का संपर्क पहले आतंकी संगठनों से रहा है। खुफिया जानकारी के अनुसार, बिष्टूपुर, आजादनगर, मानगो और कदमा इलाकों में ये संदिग्ध स्लीपर सेल सदस्य रह रहे हैं। इनमें आजादनगर में सबसे ज्यादा 12, मानगो में 3, बिष्टूपुर में 2 और कदमा में 1 की उपस्थिति दर्ज की गई है। खास बात यह है कि इनमें से दो संदिग्ध देश के बाहर हैं।

स्पेशल ब्रांच ने तैयार की विस्तृत रिपोर्ट
स्पेशल ब्रांच ने इन सभी संदिग्धों की पहचान कर एक रिपोर्ट जिला पुलिस को सौंपी है। इसके आधार पर इन सभी की मोबाइल निगरानी, सोशल मीडिया गतिविधियों और संपर्क सूत्रों की लगातार जांच की जा रही है। कुछ संदिग्धों के पूर्व आतंकी मॉड्यूल से संबंधों की भी पुष्टि हुई है।

सिटी एसपी का बयान
जमशेदपुर के सिटी एसपी कुमार शिवाशीष ने जानकारी दी कि सभी 18 संदिग्धों का सत्यापन किया जा चुका है और उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा, "यदि किसी भी संदिग्ध हरकत की पुष्टि होती है तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी।"

  • पिछले 10 सालों में 5 संदिग्ध गिरफ्तार
  • यह पहली बार नहीं है जब जमशेदपुर में आतंकी गतिविधियों के संकेत मिले हैं। पिछले 10 वर्षों में कुल 6 संदिग्ध आतंकी यहां से गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें अहम नाम शामिल हैं:
  • जनवरी 2016: बिष्टूपुर से अहमद मसूद अकरम शेख की गिरफ्तारी।
  • जनवरी 2016: हरियाणा से मोहम्मद सामी को पकड़ा गया।
  • 2016: मानगो के नसीम अख्तर उर्फ राजू, जिस पर आतंकी संगठन को आर्म्स सप्लाई का आरोप लगा था, कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी किया।
  • 16 सितंबर 2017: टाटानगर स्टेशन से मौलाना कलीमुद्दीन गिरफ्तार, बाद में कोर्ट से बरी।
  • 2020: मानगो से अब्दुल माजिद कुट्टी की गिरफ्तारी।

क्या है स्लीपर सेल?
स्लीपर सेल आमतौर पर गुप्त रूप से रहने वाले प्रशिक्षित जासूस होते हैं जो किसी कार्रवाई के आदेश मिलने तक निष्क्रिय रहते हैं। वे सामान्य नागरिकों की तरह समाज में घुले-मिले रहते हैं, जिससे उनका पहचान पाना मुश्किल होता है।

सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता जरूरी
इस खुलासे के बाद शहर में सुरक्षा एजेंसियों की चौकसी और बढ़ा दी गई है। आम जनता से भी सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की गई है। जमशेदपुर जैसे औद्योगिक और भीड़भाड़ वाले शहर में इस तरह की गतिविधियां गंभीर चिंता का विषय हैं।