• 2025-06-18

Jharkhand news: झारखंड में मुखिया की मुश्किलें बढ़ीं,जाति प्रमाण पत्र रद्द,अर्जुन भुइयां पर बर्खास्तगी की तलवार

Jharkhand news: धनबाद जिले के बाघमारा प्रखंड के जमुआ पंचायत के मुखिया अर्जुन भुइयां की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने उनके जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया है। इसकी वजह से अर्जुन भुइयां पर मुखिया पद से बर्खास्ती की तलवार लटक रही है।
वर्ष 2022 के मुखिया चुनाव में जमुआ पंचायत से संजय दास चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में अर्जुन भुइयां ने उन्हें पराजित कर दिया था। अर्जुन भुइयां मुखिया निर्वाचित हुए थे। लेकिन संजय दास ने उनकी जीत को चुनौती देते हुए WP(C) no 5768/22 दर्ज कराई थी। मामला जाति छानबीन समिति के विचाराधीन रहा।
अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने अर्जुन भुइयां का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया है। इसकी वजह से अर्जुन भुइयां की मुखिया पद पर बने रहने की संभावना कम हो गई है। विभाग ने अपने पत्र में लिखा है कि अर्जुन भुइयां का जाति प्रमाण पत्र नियम के तहत नहीं बना है और वह झारखंड राज्य के स्थायी निवासी नहीं हैं।
अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने अपने पत्र में लिखा है कि अर्जुन भुइयां पिता स्व विशुन भुइयां बिहार के रहने वाले हैं। उनका पता पांडे गंगोट, पंचायत पांडे गंगोट, पोस्ट फुलडीह, थाना रूपों, प्रखंड कौवा कोल, जिला नवादा, राज्य बिहार है।

धनबाद के उपायुक्त ने अंचल अधिकारी बाघमारा को पत्र लिखकर अर्जुन भुइयां के जाति प्रमाण पत्र की जांच करने को कहा था। जांच में पता चला कि अर्जुन भुइयां का जाति प्रमाण पत्र स्थानीय जांच के आधार पर बना है, जो केवल मुखिया चुनाव के उद्देश्य से बनाया गया है।

अर्जुन भुइयां का जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद अब उनकी मुखिया पद पर बने रहने की संभावना कम हो गई है। यदि अर्जुन भुइयां को मुखिया पद से बर्खास्त किया जाता है, तो जमुआ पंचायत में नए सिरे से चुनाव कराने पड़ सकते हैं।
धनबाद जिले के बाघमारा प्रखंड के जमुआ पंचायत के मुखिया अर्जुन भुइयां की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने उनके जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया है। इसकी वजह से अर्जुन भुइयां पर मुखिया पद से बर्खास्ती की तलवार लटक रही है। अब देखना यह है कि आगे क्या होता है।