Patmda: समाज
में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिनके इरादे पक्के और हौसले मजबूत
होते हैं। इनकी बदौलत वे कई बुराइयों के खात्मे में जुटे रहते हैं। पटमदा प्रखंड
की बिड़रा पंचायत के उपमुखिया गोपाल गोराई की नशामुक्ति के खिलाफ ऐसा ही मुहिम है।
नशेडियों ने शुरुआत में नशामुक्ति अभियान के कारण मारकर उनकी टांग तोड़ दी। इसके
बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी है और करीब 3 साल से लगातार वे अपने गांव बिड़रा
को नशामुक्त बनाने में जुटे हैं। 64 वर्षीय गोपाल पंचायत के लोगों की हर
समस्याओं के समाधान का प्रयास करते हैं।
कई तरह के सेवा का काम किए
गोपाल बताते हैं कि 2022 में
पंचायत चुनाव के दौरान उपमुखिया बनने के बाद सबसे पहले पंचायत की 43 स्ट्रीट
लाइट की मरम्मत अपने खर्च से कराई। इसके बाद धीरे-धीरे लोग उनसे जुड़ने लगे और
समस्याएं बताने लगे। उन्होंने निजी खर्च से बिड़रा, दगड़ीगोड़ा व माचा गांव में खराब 17 चापाकलों
की मरम्मत कराई। 2023
में जब महिलाओं ने शराबी पतियों से प्रताड़ित
होने की शिकायत की। इसके बाद गांव के कालिंदी पाड़ा (टोला) की कुछ महिलाओं की मदद
से अभियान चलाते हुए सभी शराब भट्टी संचालकों एवं विक्रेताओं को चेतावनी दी गई।
इसके बावजूद कम नहीं होने पर महिला समूह एवं आबकारी विभाग की मदद से सभी भट्ठियों
को तोड़ दिया गया।
अवैध शराब का कारोबार बंद कराया
करीब 2 वर्ष के अंदर आबकारी विभाग, पटमदा
पुलिस एवं महिला समूह के संयुक्त अभियान में कई बार अवैध शराब का कारोबार बंद
कराया। इससे कारोबारियों में हड़कंप मच गया और इस दौरान उन्हें कई बार जान से
मारने की धमकियां मिलीं, लेकिन वे पीछे नहीं हटे। जनवरी 2024 में दो
शराबियों ने उनपर जानलेवा हमला कर दिया और दाहिने पैर (घुटने) की हड्डी तोड़ दी।
अस्पताल में इलाज के बाद करीब 2 माह तक वे बिस्तर पर पड़े रहे। फिर
बैसाखी के सहारे सक्रिय हुए, लेकिन तीसरे माह में बाथरूम जाने के
क्रम में फिसलकर गिरने से फिर वहां की हड्डी और हाथ की हड्डी टूट गई। अब भी वे
अपने अभियान को जारी रखे हुए हैं। इससे गांव में शराब की बिक्री में कमी आई है।