जमशेदपुर | विशेष संवाददातास्नान पूर्णिमा के पावन अवसर पर आज भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का महा स्नान वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर 108 महिला श्रद्धालुओं ने पारंपरिक वेशभूषा में जलाशय से कलश में जल भरकर मंदिर पहुंचीं और पवित्र जल से भगवान का अभिषेक कराया।
माना जाता है कि इस विशेष स्नान के बाद भगवान को देव ज्वर हो जाता है, जिसके चलते उन्हें मंदिर में 15 दिनों के लिए एकांतवास (अनवसर वास) में रखा जाता है। इस अवधि में भगवान को श्वेत सूती वस्त्र पहनाए जाते हैं, आभूषण हटा लिए जाते हैं और आहार के रूप में केवल फल, जूस, दलिया और आयुर्वेदिक औषधियां दी जाती हैं।
मंदिर के कपाट बंद रहते हैं और सेवा में केवल विशेष सेवक एवं वैद्य ही उपस्थित रहते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, और इसके बाद भगवान 27 जून को रथयात्रा के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं।