पाकुड़ जिले के किसान शहाबुद्दीन ने इंटरनेट का सहारा लिया और यूट्यूब से सूरजमुखी के फूलों की खेती के बारे में जाना
Sunflower Farming: पाकुड़ जिले के महेशपुर के पलसा गांव में एक किसान ने अपने मेहनत और लगन के दम पर कुछ ऐसा कर दिखाया, जिसे देख गांव भर में उसकी वाहवाही हो रही है. किसान शहाबुद्दीन ने इंटरनेट का सहारा लिया और यूट्यूब से सूरजमुखी के फूलों की खेती के बारे में जाना और समझा. इसके बाद शहाबुद्दीन ने अपने 12 कट्ठा खेत में सूरजमुखी की खेती शुरू की. इसका परिणाम यह निकला कि आज उसके खेतों में सूरजमुखी के फूल लहलहा रहे हैंअब सूरजमुखी फूल को खेत से काटने की तैयारी की जा रही है.
किसान शहाबुद्दीन ने बताया कि उसके गांव के किसान मुख्यतः धान की ही खेती करते हैं, लेकिन उसने अपने खेत में नयी फसल को आजमाने का विचार बनाया. शहाबुद्दीन ने यूट्यूब पर सूरजमुखी की खेती से संबंधित कई वीडियो देख रखे थे. उसने यूट्यूब से ही सूरजमुखी की खेती करने के लिए सारी जानकारी ली.
इसके बाद वह जनवरी माह में पश्चिम बंगाल के मुरारई बाजार से सूरजमुखी फूल के बीज लेकर आया और अपने 12 कट्ठा खेत पर लगाया. 3 महीने में ही सूरजमुखी के पौधे बड़े हो गये और इसकी खुशबू से आसपास का क्षेत्र सुगंधित हो उठा.
शहाबुद्दीन ने बताया कि इस खेती के लिए कृषि विभाग और जेएसएलपीएस द्वारा कीटनाशक दवा, खाद्य सामग्री सहित कई तरह की अन्य मदद मिली है. सूरजमुखी की खेती कर किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
पहली बार सूरजमुखी की खेती से 30 से 40 हजार रुपए का फायदा हो सकता है. सूरजमुखी की खेती में अधिक खर्च नहीं आता है केवल थोड़ी मेहनत लगती है. उत्पादित बीज से तेल निकालेंगे और इसे बाजारों में बेचेंगे. अगर बढ़िया मुनाफा होता है, तो आगे भी इसकी खेती करेंगे.
सूरजमुखी की खेती के लिए मुख्यतः रबी और खरीफ मौसम सही माना जाता है. सूरजमुखी को गर्म जलवायु पसंद है. मृदा कृषि वैज्ञानिक विनोद कुमार ने कहा कि सूरजमुखी की खेती देश के कई राज्यों में होती है.
झारखंड में भी अब किसान सूरजमुखी की खेती करने लगे हैं. इसकी खेती करने से किसानों को काफी फायदा है. सूरजमुखी की खेती के लिए यहां का मौसम अनुकूल है. अगर किसान सूरजमुखी फूल की खेती पर ध्यान दें तो 1 एकड़ में 30 से 40 हजार तक मुनाफा होगा.