Jamshedpur LIC Scam Update: एक महीना बीत गया, लेकिन चोर अब भी फरार! बिष्टुपुर पुलिस पर उठे सवाल, क्या सिस्टम भी घोटाले में है शामिल?
एलआईसी कार्यालय में हुए सनसनीखेज चोरीकांड को एक महीना बीत चुका है, लेकिन आज तक पुलिस के हाथ खाली हैं। न कोई गिरफ्तारी, न कोई सुराग, इससे न सिर्फ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं
Jamshedpur: जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित एलआईसी कार्यालय में हुए सनसनीखेज चोरीकांड को एक महीना बीत चुका है, लेकिन आज तक पुलिस के हाथ खाली हैं। न कोई गिरफ्तारी, न कोई सुराग, इससे न सिर्फ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि आम जनता के बीच भरोसे की डोर भी कमजोर हो रही है।
अब तक खाली हाथ क्यों है बिष्टुपुर पुलिस?
घटना के वक्त सीसीटीवी का डीवीआर चोरी कर लेना कोई साधारण हरकत नहीं थी। यह दर्शाता है कि चोरी पूरी योजना के तहत की गई थी। बावजूद इसके बिष्टुपुर पुलिस ने अब तक कोई ठोस सबूत या संदिग्ध गिरफ्तार नहीं किया है। न ही इस मामले में कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस या प्रगति रिपोर्ट जारी की गई है। क्या पुलिस भी किसी दबाव में है, या फिर यह महज एक और "रुटीन" जांच बनकर रह गई है?
आम नागरिक पूछ रहे हैं:
अगर पुलिस एक सरकारी कार्यालय में हुई लाखों की चोरी का पता नहीं लगा सकती, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या भरोसा?
क्या यह मामला भी समय के साथ ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?
क्या एलआईसी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में इस तरह की चोरी बिना अंदरूनी मदद के संभव है?
बिष्टुपुर पुलिस की भूमिका संदिग्ध?
अब लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि कहीं बिष्टुपुर पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में तो नहीं? लगातार मांग के बावजूद पुलिस न तो कोई जानकारी सार्वजनिक कर रही है और न ही एलआईसी के अंदरूनी स्टाफ से पूछताछ की जानकारी साझा कर रही है। यह चुप्पी कहीं न कहीं साजिश की बू देती है।
लोकतंत्र में जवाबदेही जरूरी है
एलआईसी में लाखों रुपये निवेश करने वाले लाखों ग्राहकों के पैसे की जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की है। अगर बिष्टुपुर पुलिस इस मामले को हल नहीं कर सकती, तो उच्च स्तर पर जांच बैठाई जानी चाहिए। दोषियों को बचाना और जनता को अंधेरे में रखना लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ है।
न्याय में देरी, अन्याय के बराबर
समय आ गया है कि जमशेदपुर प्रशासन और झारखंड सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करें। जनता को जवाब चाहिए...