Pakistan: पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच करवाहट का दौर धीरे-धीरे बढ़ रहा है. कायर पाकिस्तान लगातार भारत को गीदड़भभकी देने में लगा हुआ है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह तक कह दिया था कि दोनों देश परमाणु शक्तियों से लैस हैं, ऐसे में युद्ध होता है तो दुनिया को चिंता करने की जरूरत है. जिन हथियार के दम पर आज पाकिस्तान ये गीदड़भभकी देने में लगा हुआ है, चलिए उन परमाणु बमों के बारे मे विस्तार में जानते है.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने सन 1965 में एक बड़ी बात कही थी. उन्होने कहा था कि यदि भारत परमाणु बम बनाता है, तो हम भूखे रहकर या घास और पत्ते खाकर भी अपना बम जरूर बनाएंगे. इनके इस आक्रामक बयान देने के तीन दशक बाद चोरी और जासूसी की मदद से पाकिस्तान परमाणु लैस राष्ट्र बना.
आज 2025 में पाकिस्तान एक डि-फैक्टो परमाणु शक्ति है. विशेषज्ञों के मुताबिक, परमाणु शक्ति लैस राष्ट्र बनने के लिए पाकिस्तान ने मांगों, चुराओं और सभी से उधार लेने की नीति को अपनाया था. आज यह देश न्यूक्लियर नॉन-प्रोलिफरेशन समझौते के दायरे से बाहर अपना परमाणु कार्यक्रम चला रहा है.बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक’ की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु हथियारों का भंडार है. हालांकि, आज तक पाकिस्तान की तरफ से परमाणु बमों की आधिकारिक संख्या का उजागर नहीं किया गया है. जिस कारण फेडरेशन ऑफ अमेरिका साइंटिस्ट्स के न्यूक्लियर इन्फॉर्मेशन प्रोजेक्ट से जुड़े एलियाना जोन्स और मैट कोर्डा जैसे शोधकर्ताओं ने विश्लेषण कर इसकी जानकारी इकट्ठा की है.
भारत और पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की संख्या लगभग समान है. लेकिन इस्तेमाल करने को लेकर दोनों देशों की नीति में अंतर है. जहां पाकिस्तान बात-बात पर परमाणु हथियारों को इस्तेमाल करने की गीदड़ धमकी देने में लग जाता है, वहीं भारत शांति से पारंपरिक न्यूक्लियर ट्रायड मतलब थल, जल और वायु आधारित क्षमता को बढ़ाने में लगा हुआ है.
पाकिस्तान के इस्लामाबाद के पश्चिम में काला चिट्ठा धार पर्वतमाला में मोबाइल लॉन्चर और मिसाइलें बनती और टेस्ट होती हैं. इसके अलावा, फतेह जंग इलाके में भी लॉन्चर असेंबली की गतिविधियां बढ़ी हैं. यहां से नास्र, शाहीन-IA और बाबर जैसी मिसाइलों के TEL (ट्रांसपोर्टर एरेक्टर लॉन्चर) देखे जाने की खबरें आई हैं.
पाकिस्तान ने अपनी परमाणु रणनीति को ‘फुल स्पेक्ट्रम डिटरेंस’ नाम दिया है. इसमें सामरिक, परिचालन और रणनीतिक स्तरों पर परमाणु हथियार तैनात करना शामिल है. पाकिस्तान के कहुटा और गढ़वाल में यूरेनियम संवर्धन संयंत्र बनाए गए हैं. इसके अलावा, खुषाण कॉम्पलेक्स में चार भारी जल रिएक्टर बनाए गए हैं, जो प्लूटोनियम उत्पादन के लिए बनाए गए हैं.