Jamshedpur: जमशेदपुर में रात के समय सड़कों पर अवैध रूप से खड़ी भारी वाहनों की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। इससे कई प्रमुख सड़कों पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है और कई जानें भी जा चुकी हैं। खास तौर पर पारडीह काली मंदिर से भिलाई पहाड़ी, मानगो बस्टैंड गोलचक्कर, मोतीलाल नेहरू स्कूल, जैमको रोड, कालीमाटी रोड, भुइयांडीह और टाटा कांड्रा रोड जैसे इलाकों में ट्रक, ट्रेलर और टैंकर सड़क के बड़े हिस्से पर कब्जा जमाए हुए हैं।
सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में टेल्को स्थित जैमको से जोजोबेरा मार्ग शामिल है, जहाँ रात भर दोनों ओर भारी वाहन बिना किसी इंडिकेटर या चेतावनी संकेत के खड़े रहते हैं। इससे आने-जाने वाले वाहनों के लिए उन्हें देख पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। इसी सड़क पर 11 फरवरी को हुए एक भीषण हादसे में एक पिता और बेटी की मौत हो गई, जबकि उनका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोग इस सड़क को अब "किलर रोड" कहने लगे हैं। इस प्रकार के काफी हादसे है जिनमें सड़क किनारे खड़े भारी वाहनों के कारण कई लोगों की मौत हुई है।
स्थानीय निवासी बी.के. सिंह और सरदार करनदीप सिंह समेत कई लोगों ने बार-बार प्रशासन से सड़कों पर स्ट्रीटलाइट लगाने और सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि अंधेरे के कारण सड़क किनारे खड़े वाहनों को देख पाना नामुमकिन हो जाता है, जिससे हादसे बढ़ रहे हैं। कई शिकायतों के बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
जिला प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही से अवैध पार्किंग की समस्या बढ़ती जा रही है। ट्रक चालक अक्सर सुनसुनिया गेट के पास बनाए गए निर्धारित पार्किंग स्थलों का उपयोग नहीं करते और संकरी सड़कों पर वाहन खड़ा कर देते हैं। इससे अन्य वाहन चालकों को भारी खतरा उठाना पड़ता है। टाटा कांड्रा रोड पर एनआईटी मोड़ भी एक ऐसा ही खतरनाक स्थान बन चुका है, जहाँ तेज रफ्तार ट्रैफिक और कम दृश्यता के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं।
हालाँकि, कभी-कभी प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाती है, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान अब तक नहीं हो पाया है। घालभूम अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) शताब्दी मजूमदार ने कहा कि जिला परिवहन कार्यालय (डीटीओ) के साथ मिलकर सड़क किनारे अवैध पार्किंग रोकने के लिए आगे और सख्त कार्रवाई की जाएगी। लेकिन स्थानीय लोग कहते हैं कि जब तक सख्त कानून लागू नहीं किए जाते, उचित रोशनी की व्यवस्था और निगरानी प्रणाली नहीं लगाई जाती, तब तक यह सड़के मासूम लोगों की जान लेती रहेंगी।