Jamshedpur News: कल 9 जुलाई को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों रहेंगे राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर, जानें क्यूँ कर रहे है विरोध?
Jamshedpur: केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच द्वारा 9 जुलाई को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर सोमवार को गोलमुरी
स्थित टिनप्लेट वर्कर्स यूनियन कार्यालय में कोल्हान इकाई की अहम बैठक हुई। बैठक
की अध्यक्षता झारखंड इंटक के अध्यक्ष राकेश्वर पांडे ने की। इसमें विभिन्न ट्रेड
यूनियन नेताओं ने भाग लिया, जिनमें
सीटू के विश्वजीत देव, इंटक के विनोद राय, विजय खां, मनोज सिंह, अंबुज ठाकुर और अन्य शामिल थे।
बैठक के बाद प्रेस को जानकारी देते
हुए राकेश्वर पांडे ने कहा कि कोल्हान क्षेत्र में 9 जुलाई की हड़ताल को पूरी ताकत से सफल बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि
हड़ताल 17 सूत्री राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय
मांगों को लेकर आयोजित की जा रही है। इनमें सबसे अहम मांग है – सितंबर 2020
में बिना श्रमिक संगठनों की सहमति के संसद में
पारित की गई चारों श्रम संहिताओं (लेबर कोड्स) को रद्द करना।
कि इन कोड्स को लागू करने का मकसद
मजदूरों की सुरक्षा और अधिकारों को कमजोर कर कॉरपोरेट कंपनियों को फायदा पहुंचाना
है। यदि ये कानून पूरी तरह लागू हो जाते हैं, तो मजदूरों को न्यूनतम वेतन, निश्चित
कार्य घंटे, ओवरटाइम, सामाजिक सुरक्षा, पीएफ,
ग्रेच्युटी जैसे कई लाभों से वंचित होना पड़ेगा।
साथ ही फिक्स्ड टर्म एम्प्लॉयमेंट और ठेका प्रथा को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थायी नौकरियों का स्वरूप खत्म हो जाएगा।
हड़ताल से एक दिन पहले मशाल जुलूस
बैठक में बताया गया कि 8 जुलाई को शाम 6:30 बजे साकची आमबगान से मशाल जुलूस निकाला जाएगा, जो साकची गोलचक्कर तक जाएगा। इसके जरिए आम लोगों को हड़ताल के मकसद से
अवगत कराया जाएगा।
विरोध रैली और जनसभा
हड़ताल के दिन 9 जुलाई को सुबह 11:30 बजे साकची आमबगान से एक बड़ी विरोध रैली निकाली जाएगी। यह रैली साकची
गोलचक्कर तक जाएगी। इसमें ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं के साथ छात्र, युवा, महिलाएं,
किसान प्रतिनिधि और सांस्कृतिक संगठन भी हिस्सा
लेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य जन संगठनों ने इस हड़ताल को समर्थन दिया है।
ट्रेड यूनियन नेताओं ने केंद्र सरकार
पर मजदूरों के लोकतांत्रिक अधिकारों की अनदेखी का आरोप लगाया और कहा कि पिछले एक
दशक से भारतीय श्रम सम्मेलन नहीं बुलाया गया है।