Ranchi: गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया के
ड्रीम लाइनर विमान हादसे के बाद रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से भी विमान संख्या
बढ़ने के बजाय उसमें कमी आई है। मई महीने में रांची एयरपोर्ट से 54
उड़ानों की आवजाही होती थी, जो 30 जून तक सिमट कर
48 तक रह गई। पांच जुलाई को यह संख्या और घटकर 42 पर आ गई है।
यहां यात्रियों की संख्या में भी कमी आई है। मई की तुलना में यहां यात्रियों की
संख्या 2000 से अधिक घट गई है। 25 मई को रांची एयरपोर्ट से 8,855
यात्रियों ने आवाजाही की, वहीं पांच जुलाई को यह संख्या घटकर 6,561 हो
गई। इसके पीछे अहमदाबाद विमान हादसे के बाद डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन
(डीजीसीए) की सख्ती से जांच के आदेश को बड़ा कारण बताया जा रहा है।
रांची एयरपोर्ट से प्रतिदिन दिल्ली के लिए सर्वाधिक छह विमान की
उड़ानें उपलब्ध हैं। रांची एयरपोर्ट से सुबह से रात तक ये विमान उड़ान भरते हैं।
प्रतिदिन दिल्ली के लिए छह विमान उपलब्ध हैं। वहीं, हैदराबाद,
बेंगलुरु
और कोलकाता के लिए तीन-तीन विमान, मुंबई के लिए दो और पुणे, पटना,
अहमदाबाद,
चेन्नई
व भुवनेश्वर के लिए एक-एक विमान हैं। सोमवार को कुल 44 उड़ानों का
परिचालन हुआ।
पूरी तरह से उड़ान में सक्षम विमान को ही अनुमति
एयरलाइन अधिकारियों के अनुसार, अहमदाबाद में
हुए विमान हादसे के बाद जांच के आदेश से विमान के रखरखाव को लेकर सभी एयरलाइंस
कंपनियां गंभीर हैं। डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने सख्ती से जांच के आदेश दिए
हैं, जिससे विमानन कंपनियां विमानों के उड़ाने में सावधानियां बरत रही
हैं। डीजीसीए विभिन्न एयरलाइंस कंपनियों के विमानों की जांच की निगरानी कर रही है।
यही कारण है कि पूरी तरह से उड़ान में सक्षम विमान ही उड़ान भर रहे हैं।
यात्रियों की कमी पर एयरलाइंस कंपनियों का तर्क
एयर इंडिया एक्सप्रेस के अधिकारी बताते हैं कि मानसून सीजन आरंभ होने
के कारण यात्रियों की संख्या में हर साल कमी आती रही है। इस कारण भी विमान के
साथ-साथ यात्रियों की संख्या घटी है। विमान और यात्रियों की संख्या में कमी के बाद
भी किराए में कोई खास फर्क नहीं पड़ा है। विमानन कंपनियों का कहना है कि मानसून
सीजन बीतने के बाद यात्रियों के सफर में तेजी आएगी।