सरायकेला। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को समाहरणालय सभागार में एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता उपायुक्त नितीश कुमार सिंह ने की।
कार्यशाला में स्वच्छता, पेयजल प्रबंधन और जनभागीदारी को और अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया गया। साथ ही सर्वेक्षण की प्रक्रिया, मूल्यांकन मानक और राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग प्रणाली के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
राज्य स्तरीय प्रशिक्षक आजाद ने उपस्थित अधिकारियों, पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मियों को सर्वेक्षण के तकनीकी पहलुओं, गुणवत्ता मानकों और रैंकिंग के तरीके को सरल भाषा में समझाया।
बताया गया कि यह सर्वेक्षण भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा कराया जाता है, जिसके माध्यम से ग्राम स्तर पर स्वच्छता के क्षेत्र में हो रहे उत्कृष्ट कार्यों का आकलन किया जाता है और जिलों व राज्यों को रैंकिंग दी जाती है। यह पूरी प्रक्रिया एक स्वतंत्र एजेंसी, अकादमी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के माध्यम से संचालित हो रही है।
उपायुक्त नितीश कुमार सिंह ने कहा कि स्वच्छता केवल एक सरकारी योजना नहीं बल्कि एक जनआंदोलन है, जिसका उद्देश्य गांवों को स्वच्छ, स्वस्थ और समृद्ध बनाना है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों से अभियान को सफल बनाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त रीना हांसदा, जिला पंचायती राज पदाधिकारी सुरेन्द्र उरांव, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता, सिविल सर्जन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।