दो दिन पहले हुई तेज बारिश के कारण नालियों में पानी का बहाव काफी तेज हो गया था। इसी बहाव में एक कुत्ता बहकर आदित्यपुर के निर्मल नगर इलाके तक पहुंच गया। नाली के तेज प्रवाह में बहने के चलते उसके शरीर पर कई जगह गंभीर चोटें आ गई हैं। वह मुश्किल से रेंगते हुए केवल 10 मीटर की दूरी में इधर-उधर घूम पा रहा है। स्थानीय लोगों के घरों के बाहर बीते दो दिनों से वह दर्द से कराहता हुआ आवाजें निकाल रहा है और अब अंतिम सांसें गिन रहा है।
स्थानीय निवासियों ने पशु सेवा के सरकारी टोल फ्री नंबर पर भी कॉल कर सहायता पाने की कोशिश की, लेकिन कॉल रिसीव न होने के कारण मदद नहीं मिल सकी। वहीं, आदित्यपुर स्थित एक एनजीओ से भी संपर्क किया गया, परंतु उन्होंने केवल झूठा भरोसा देकर पल्ला झाड़ लिया।
ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या हमारे देश में बेजुबान जानवरों की कोई अहमियत नहीं है? क्या उन्हें यूं ही तड़पकर मरने के लिए छोड़ दिया जाएगा?