Indira Gandhi Residential: इंदिरा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय झारखंड का एकमात्र आवासीय स्कूल है, जिसने अपने स्थापना के 41 साल पूरे कर लिए हैं। इस विद्यालय की छात्राओं ने शुरू से मैट्रिक में राज्य स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर स्कूल एवं हजारीबाग जिले का नाम रौशन किया है। इस पूरी अवधि में एक भी छात्रा परीक्षा में असफल नहीं हुई है।
इंदिरा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की स्थापना 27 जनवरी 1984 को हुई थी। यह विद्यालय ब्रिटिश शासन काल में बने हजारीबाग के खाली पड़े पुराने जेल को में स्थापित किया गया है। यह 52.12 एकड़ एरिया में फैला है और हजारीबाग के लिए किसी धरोहर से कम नहीं है।
विद्यालय की छात्राओं ने शुरू से मैट्रिक में राज्य स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर स्कूल एवं हजारीबाग जिले का नाम रौशन किया है। इस पूरी अवधि में एक भी छात्रा परीक्षा में असफल नहीं हुई है। 41 सालों में 2500 से अधिक छात्राओं ने मैट्रिक परीक्षा पास की है।
विद्यालय में शिक्षकों और नॉन-टीचिंग स्टाफ की कमी है। विद्यालय में 102 पद हैं, लेकिन केवल 23 लोग काम कर रहे हैं। इनमें से 27 पद में केवल दो शिक्षिका कार्यरत हैं। इन दो शिक्षिकाओं में से एक रेनू ठाकुर भी 31 अगस्त 2025 को सेवानिवृत्त हो जायेंगी।
विद्यालय का भविष्य शिक्षकों और नॉन-टीचिंग स्टाफ की कमी के कारण खतरे में है। सितंबर 2025 से पूरा स्कूल मात्र एक शिक्षिका कामिनी के भरोसे चलेगा, जो 2027 में रिटायर होने वाली हैं। ऐसे में विद्यालय के भविष्य को लेकर चिंता है।
प्रशासन ने विद्यालय की समस्याओं को दूर करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी सह प्रभारी क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक प्रवीण रंजन ने विद्यालय का प्रभार संभाला है और विद्यालय के बेहतर संचालन के लिए कई कदम उठाए हैं।
इंदिरा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय एक उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थान है, जिसने अपने स्थापना के 41 साल पूरे कर लिए हैं। विद्यालय की छात्राओं ने शुरू से मैट्रिक में राज्य स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर स्कूल एवं हजारीबाग जिले का नाम रौशन किया है। लेकिन विद्यालय में शिक्षकों और नॉन-टीचिंग स्टाफ की कमी के कारण विद्यालय का भविष्य खतरे में है। प्रशासन को विद्यालय की समस्याओं को दूर करने के लिए और अधिक कदम उठाने की आवश्यकता है।