• 2025-06-20

Raping His Minor Niece: अपनी नाबालिग भतीजी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने चाचा को उम्रकैद

Raping His Minor Niece: अपनी नाबालिग भतीजी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने चाचा को उम्रकैद और 20 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। यह फैसला पीड़िता और उसके परिवार के लिए एक बड़ी राहत है, जिन्होंने न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है।
प्राथमिकी पीड़िता की शिकायत पर 7 सितंबर 2024 को दर्ज की गई थी। पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया था कि उसके चाचा ने उसे छत पर कपड़ा लेने के लिए भेजा था और जब वह कपड़ा लेकर नीचे उतरी, तो आरोपी ने कमरे में उसे ले जाकर उसके साथ दुराचार किया। इस घटना के बाद पीड़िता ने अपने परिवार के सदस्यों को बताया और उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
अनुसंधान के बाद पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध 27 अक्टूबर 2024 को आरोप पत्र दायर किया था। पुलिस ने मामले की जांच के दौरान कई सबूत इकट्ठे किए और आरोपी के खिलाफ मजबूत केस बनाया।
18 नवंबर 2024 को आरोप तय होने के बाद सुनवाई शुरू हुई थी। इस दौरान अपर लोक अभियोजक समित प्रकाश ने कुल छह गवाहों का मुख्य परीक्षण कराया था। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी को उम्रकैद और 20 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई।
हरिजन उत्पीड़न, फायरिंग और बम फेंकने के मामले में आरोपित खरखरी बस्ती निवासी रमाशंकर तिवारी, प्रेम कुमार तिवारी और ललन कुमार तिवारी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई मनीष रंजन की अदालत में हुई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बहस की, जबकि विशेष लोक अभियोजक जयदेव बनर्जी ने जमानत का कड़ा विरोध किया। अदालत ने उभय पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
7 नवंबर 2022 को आरोपियों ने विजय पासवान के भतीजे की दुकान में आग लगा दी, रिवॉल्वर से फायरिंग की और बम विस्फोट कर दहशत फैलाने के साथ ही जाति सूचक शब्द का प्रयोग कर अपमानित किया। 8 नवंबर 2022 को विजय पासवान ने मधुबन थाने में आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
अदालत के इस फैसले से यह स्पष्ट है कि दुष्कर्म और अन्य अपराधों के मामलों में न्यायपालिका कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। पीड़िता और उसके परिवार को न्याय मिला है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि ऐसे मामलों में समाज और परिवार की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। हमें ऐसे अपराधों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए और पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद करनी चाहिए।