Drug Addiction In Jharkhand: जमशेदपुर आनंद मार्ग प्रचारक संघ के ओर से एक तत्व सभा का आयोजन खोखराडीह एवं हितकू पंचायत में किया गया। इस सभा में सुनील आनंद ने कहा कि आज हमारे समाज में नशे के कारण झारखंड के लोगों का शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो रही है और लोग कमजोर होकर विभिन्न रोगों का शिकार हो रहे हैं।
सुनील आनंद ने कहा कि नशा मुक्त करने के लिए समाज के हर वर्ग को लगना होगा। उन्होंने कहा कि जिस समाज में नशा प्रबल रहेगा, उस समाज का विकास असंभव है। नशे के कारण चेतन मन हमेशा अचेतन अवस्था में रहता है, जिससे मनुष्य की निर्णय क्षमता प्रभावित होती है।
सुनील आनंद ने कहा कि डायन प्रथा और बलि प्रथा जैसी अंधविश्वास की बातों को वैज्ञानिक, व्यावहारिक और आध्यात्मिक स्तर पर समझाना होगा। उन्होंने कहा कि झारखंड में यह समस्या जनरेशन टू जेनरेशन केरी कर रही है, और इसे समाप्त करने के लिए हमें अपने शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाना होगा।
सुनील आनंद ने कहा कि पूरे भारत के शिक्षा पद्धति में बलि प्रथा, डायन प्रथा और अन्य अंधविश्वास जो समाज को कमजोर कर रही है, उसकी पढ़ाई शिक्षा प्रणाली में लाना होगा। इससे समाज समझ पाएगा और अंधविश्वास से मुक्ति पा सकेगा।
सुनील आनंद ने कहा कि मनुष्य जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष का प्रतीक है। मनुष्य को जीवन जीने की शक्ति परम पुरुष से मिलती है। परम पुरुष और मनुष्य का संबंध मां और उसके गोद के छोटे बच्चे के जैसा है। उन्होंने कहा कि परम पुरुष को जानने के लिए अपने मन के भीतर में स्थित परम चेतन सत्ता को भक्ति के द्वारा जाना जा सकता है।
सुनील आनंद ने कहा कि भक्ति करने से मनुष्य को आत्म बल मिलता है और वह समस्याओं से लड़ने की शक्ति प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि ओझा गुनी के चक्कर में पड़ने से कोई फायदा नहीं होता है, बल्कि इससे मनुष्य को हानि होती है।
आनंद मार्ग प्रचारक संघ के ओर से आयोजित इस तत्व सभा में सुनील आनंद ने अंधविश्वास और नशे के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि समाज को मजबूत करने के लिए हमें अपने शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाना होगा और परम पुरुष की भक्ति करनी होगी। इससे मनुष्य को आत्म बल मिलेगा और वह समस्याओं से लड़ने की शक्ति प्राप्त करेगा।