• 2025-06-10

MGM Hospital: एमजीएम अस्पताल में बिजली कटौती,मरीजों की जान जोखिम में

MGM Hospital: जमशेदपुर के मानगो डिमना चौक स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज परिसर में बने नये अस्पताल में सोमवार को दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक बिजली आपूर्ति बाधित रही। इस 3 घंटे की कटौती ने अस्पताल की मूलभूत सुविधाओं की पोल खोल कर रख दी। मरीजों, डॉक्टरों और अस्पताल कर्मचारियों को भीषण गर्मी में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।


अस्पताल की लिफ्टें बंद हो गईं, पंखे और एयर कंडीशनर ठप पड़ गए, जिससे ओपीडी और वार्डों में उमस और घुटन का माहौल बन गया। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार बिजली आपूर्ति ठप होने का कारण आर्थिंग का तार टूटना था। समस्या उत्पन्न होने के तत्काल बाद ही बिजली विभाग को सूचित कर दिया गया था, लेकिन विभागीय कर्मी तीन घंटे बाद मौके पर पहुंचे। जब तक बिजली बहाल हुई, तब तक कई मरीजों की हालत गर्मी और घुटन के कारण बिगड़ चुकी थी।

अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि नये अस्पताल भवन को डिमना फीडर से स्थायी बिजली कनेक्शन देने के लिए लगभग 5.5 करोड़ रुपये की राशि डेढ़ साल पहले ही बिजली विभाग को जमा कर दी गई थी, इसके बावजूद अब तक यह कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराया गया है। फिलहाल अस्पताल को बालीगुमा फीडर से आपूर्ति दी जा रही है, जो किसी तकनीकी समस्या की स्थिति में वैकल्पिक नहीं बन पाता।

योजना के अनुसार, नये अस्पताल में दोनों फीडरों डिमना और बालीगुमा से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी थी ताकि किसी एक में समस्या आने पर दूसरे से सप्लाई चालू रखी जा सके। लेकिन अब तक सिर्फ बालीगुमा फीडर पर निर्भरता बनी हुई है। नतीजतन, हर तकनीकी खराबी के समय मरीजों की जान संकट में आ जाती है। सोमवार की घटना इसका जीता-जागता उदाहरण है।

अस्पताल अधीक्षक डॉ. आर.के. मंधान ने बताया कि अस्पताल में जनरेटर की सुविधा है, परंतु उसे लगातार चलाने के लिए पर्याप्त फंड की आवश्यकता है। जनरेटर के संचालन के लिए प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है, ताकि आवश्यक धनराशि की व्यवस्था की जा सके। फिलहाल केवल इमरजेंसी सेवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।

एमजीएम का यह नया अस्पताल पूर्वी सिंहभूम और आस-पास के जिलों के लिए एक बड़ी स्वास्थ्य सुविधा के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन बिजली जैसी बुनियादी सुविधा की अनुपलब्धता अस्पताल के संचालन पर प्रश्नचिह्न लगा रही है। यह स्थिति तब और चिंताजनक हो जाती है जब यह तथ्य सामने आता है कि सरकार द्वारा इसे मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है।

स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने बिजली विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जल्द से जल्द स्थायी कनेक्शन उपलब्ध कराने की मांग की है। सामाजिक कार्यकर्ता विवेक शर्मा ने कहा, “यदि करोड़ों की लागत से बना अस्पताल बिजली के अभाव में अपनी सेवाएं नहीं दे पा रहा है, तो यह प्रशासन की असफलता है। बिजली विभाग की निष्क्रियता मरीजों की जान जोखिम में डाल रही है।

डिमना चौक स्थित एमजीएम अस्पताल में सोमवार की बिजली कटौती सिर्फ एक तकनीकी समस्या नहीं थी, यह एक बड़े प्रशासनिक और विभागीय लापरवाही का उदाहरण थी। अगर समय रहते स्थायी कनेक्शन की व्यवस्था नहीं की गई, तो मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों को ऐसी समस्याओं का बार-बार सामना करना पड़ सकता है।