• 2025-06-05

Kavach Technology: दक्षिण पूर्व रेलवे में "कवच" तकनीक का आगमन ट्रेन सुरक्षा में नया इतिहास

Kavach Technology: दक्षिण पूर्व रेलवे अब ट्रेन सुरक्षा में एक नया इतिहास रचने जा रहा है। टाटानगर से गुजरने वाली हर ट्रेन को अब हाईटेक सुरक्षा कवच मिलने वाला है। रेलवे की स्वदेशी तकनीक "कवच" अब 525 रूट किलोमीटर और 136 लोकोमोटिव पर लागू की जाएगी। इसके लिए ₹324 करोड़ रुपये की बड़ी मंजूरी दी गई है।
कवच एक ऐसी तकनीक है जो ट्रेनों की टक्कर, सिग्नल तोड़ने और ओवरस्पीड जैसी घटनाओं को रोकने में सक्षम है। अगर कोई ट्रेन सिग्नल तोड़ने की कोशिश करती है या आमने-सामने टक्कर की आशंका होती है, तो कवच स्वतः इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेनों को रोक देता है। यह तकनीक ट्रेनों की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
लक्ष्य: शून्य दुर्घटना
भारतीय रेलवे का लक्ष्य है शून्य दुर्घटना। कवच तकनीक इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। टाटानगर समेत चक्रधरपुर, रांची, खड़गपुर और आद्रा मंडल की ट्रेनों में यह तकनीक लागू होगी। यानी अब सिर्फ यात्रियों की नहीं, मालगाड़ियों की भी सुरक्षा होगी हाईटेक।
सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए अतिरिक्त फोर्स
सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए टाटानगर आरपीएफ को अतिरिक्त फोर्स मिला है। इससे स्टेशन और ट्रेनों दोनों में गश्ती बढ़ाई जा सकेगी। हालांकि, टाटानगर रेल एसपी का पद अभी तक खाली है, जिससे उच्च स्तर की निगरानी थोड़ी धीमी है। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही ये पद भी भर दिया जाएगा।
भविष्य की संभावनाएं
जब यह तकनीक पूरी तरह लागू हो जाएगी, तो दक्षिण पूर्व रेलवे शामिल हो जाएगा देश के सबसे सुरक्षित रेलवे ज़ोन में। इससे यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का अनुभव होगा और रेलवे की सुरक्षा में एक नया मानक स्थापित होगा।

कवच तकनीक का आगमन दक्षिण पूर्व रेलवे में एक नए युग की शुरुआत है। यह तकनीक ट्रेनों की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का अनुभव कराएगी। हमें उम्मीद है कि यह तकनीक जल्द ही पूरी तरह लागू हो जाएगी और दक्षिण पूर्व रेलवे देश के सबसे सुरक्षित रेलवे ज़ोन में शामिल हो जाएगा।