Jharkhand Liquor Scam: राज्य में 38 करोड़ रुपये से अधिक के शराब घोटाला मामले में शनिवार को एसीबी ने गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ की। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार, शराब घोटाला मामले में शनिवार को पूछताछ और रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद एसीबी ने तत्कालीन और वर्तमान में निलंबित उत्पाद सचिव विनय चौबे और संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह को कोर्ट में प्रस्तुत किया। इसके बाद दोनों अधिकारियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
बताया गया कि पूछताछ के दौरान दोनों से शराब के कारोबार, दो कंपनियों द्वारा फर्जी बैंक गारंटी जमा कर मैन पावर सप्लाई करने का काम लेने सहित अन्य बिंदुओं पर पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान विनय चौबे एसीबी को असहयोग करते दिखे। उन्होंने अपनी बिगड़ी तबीयत का हवाला देते हुए एसीबी को कई सवालों का स्पष्ट जवाब नहीं दिया। इसी तरह गजेंद्र सिंह से भी पूछताछ के दौरान एसीबी को कोई विशेष जानकारी नहीं मिली।
झारखंड शराब घोटाला में अब तक एसीबी पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें से विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को 20 मई को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, जियाडा के रीजनल डॉयरेक्टर और जेएसबीसीएल के तत्कालीन जीएम सुधीर कुमार, वर्तमान जीएम फाइनेंस सुधीर कुमार दास व मार्शन के प्रतिनिधि नीरज को 22 मई को गिरफ्तार किया गया था।
एसीबी की जांच जारी है और अभी तक की जांच में कई बड़े खुलासे हुए हैं। एसीबी का कहना है कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एसीबी के अधिकारी ने बताया कि दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा और उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी। जांच एजेंसी ने आम जनता से भी अपील की है कि अगर किसी के पास इस मामले में कोई जानकारी है, तो वह एसीबी के साथ साझा कर सकता है।
एसीबी ने इस मामले में निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है और कहा है कि जांच में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। एसीबी के अधिकारी ने बताया कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को बेनकाब किया जाएगा।