• 2025-05-07

Operation Sindoor :गृह मंत्रालय अलर्ट, अर्धसैनिक बलों की छुट्टियां रद्द

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 ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना की सटीक और जबरदस्त स्ट्राइक के बाद भारत-पाक सीमा पर तनाव और बढ़ गया है। इसी बीच गृह मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सभी अर्धसैनिक बलों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं।

गृह मंत्रालय ने आदेश दिया है कि बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और सीआईएसएफ जैसे सभी प्रमुख अर्धसैनिक बलों के जवान पूरी सतर्कता के साथ ड्यूटी पर मौजूद रहें। सीमावर्ती इलाकों में अतिरिक्त तैनाती की जा रही है और इंटेलिजेंस इनपुट्स के आधार पर हाई अलर्ट जारी किया गया है।

भारत के ऐक्शन से पाकिस्तान में बौखलाहट:

भारत के ऐक्शन से पाकिस्तान में बौखलाहट है और वह जवाबी हमले की गीदड़भभकी दे रहा है। सूत्रों के मुताबिक, यह निर्णय किसी भी जवाबी कार्रवाई या आतंकी साजिश को रोकने के लिए लिया गया है। विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान बॉर्डर पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जा रही है।

रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, मेट्रो और संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर सुरक्षा बढ़ाई गई। केंद्रीय एजेंसियों और राज्यों की पुलिस को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। हर मूवमेंट पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सैनिकों ने आधी रात डेढ़ बजे राफेल और क्रूज मिसाइलों के जरिए पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के ट्रेनिंग कैंप तबाह हुए और 90 से ज़्यादा आतंकियों के मारे जाने की खबर है।

पाकिस्तान के बहावलपुर

 

स्थित जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख अड्डे मरकज सुब्हान अल्लाह पर भारतीय सेना द्वारा किए गए स्ट्राइक में मसूद अजहर की पत्नी, बेटा और बड़ी बहन सहित उसके पूरे परिवार के 10 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आ रही है। टीवी रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में मसूद की बड़ी बहन, बहनोई और चार करीबी गुर्गे के मारे जाने की खबर सामने आ रही है। मारे गए लोगों में मौलाना काशिफ, उसका परिवार, मौलाना अब्दुल रऊफ की बड़ी बेटी, पोते और चार बच्चे शामिल हैं। इस हमले में परिवार के खात्मे के बाद मसूद अजहर काफी परेशान है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उसने कहा-अच्छा होता कि मैं भी मर जाता।

सूत्रों का कहना है कि ये सभी लोग उस समय मरकज परिसर में मौजूद थे जब भारत ने आतंकवादी ठिकानों को टारगेट कर हमला किया। इसे जैश का प्रमुख प्रशिक्षण और संचालन मुख्यालय माना जाता है, जहां पुलवामा जैसे हमलों की साजिश रची जाती रही है।

ऑपरेशन सिंदूर का मुख्य लक्ष्य जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और लश्कर-ए-तैयबा के जिहादी ढांचों को तबाह करना था, जो पिछले तीन दशकों में भारतीय धरती पर बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार दो आतंकवादी संगठन हैं। पाकिस्तान का 12वां सबसे बड़ा शहर जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का घर है। लाहौर से लगभग 400 किमी दूर स्थित, यह जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह परिसर में समूह के संचालन का आधार है, जिसे उस्मान-ओ-अली परिसर के रूप में भी जाना जाता है।

जामिया मस्जिद भारत द्वारा टारगेट किए गए ठिकानों में से एक था। कहा जाता है कि यह परिसर 18 एकड़ में फैला हुआ है और यह आतंकियों की भर्ती और विचारधारा के लिए जैश के केंद्र के रूप में कार्य करता है।

 

जैश के संस्थापक मौलाना मसूद अजहर का जन्म बहावलपुर में हुआ था और वह वहां एक भारी सुरक्षा वाले परिसर में रहता है। जैश-ए-मोहम्मद पर आधिकारिक तौर पर 2002 में प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन दंडात्मक उपाय केवल कागजों पर ही लागू किया गया था, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद को अपने शिविर चलाने की पूरी आजादी दी गई थी।