जॉन ऑडिटोरियम में भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव समिति द्वारा भगवान श्री परशुराम जी का जन्मोत्सव मनाया गया ,
उक्त कार्यक्रम की शुरुआत 21ब्राह्मण विप्रवर द्वारा विहंगम शंखनाद और स्वस्ति-वाचन के साथ हुई फिर भगवान श्री परशुराम जी की छाया चित्र पर पुष्प अर्पित और दीप प्रज्वलित कर आरती हुई , कार्यक्रम में 31अभिभावक ब्राह्मण विप्र को जिनकी आयु करीब 80 वर्ष हुई है जो समाज का एक स्तंभ की भूमिका में अपने आप को समाजिक रूप से मजबूती प्रदान किया है उन्हें ब्राह्मण गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया वही ऋत्विक शांडिल्य को जो न्यायिक सेवा में उत्तीर्ण हो कर ब्राह्मण कुल का नाम रौशन कर शहर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में ब्राह्मण परिवार का गौरव बढ़ाया है उन्हें भी भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव समिति द्वारा प्रशस्ति पत्र दे उन्हें सम्मानित किया गया
कार्यक्रम की विशेषता पर समिति के संयोजक कमल किशोर ने बताया कि भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव समिति का उद्देश्य ब्राह्मण परिवार को एकत्रित कर उनके दुःख सुख के साथ उनके वैसे जरूरतों को पूरा करना है जिससे उनके बच्चे शिक्षा ,स्वास्थ्य, और अन्यत्र व्यवस्थाएं इत्यादि शामिल है इसके अलावे समिति शहर के वैसे ब्राह्मण विप्रवर को भी चिन्हित कर उन्हें समाज में उनके योगदान या उनके अनुभव को भी शामिल करने का कार्य करेगी और वैसे लोगो को सम्मानित कर उनके परिवार को भी सामाजिक कार्यों में रुचि पैदा करने का कार्य करेगी , साथ ही यह कार्यक्रम से बताने का प्रयास करते है कि ब्राह्मण एक मजबूत स्तंभ है ।
ब्राह्मण ही ब्रह्मर्षि है और ब्रह्मर्षि ही ब्राह्मण है क्योंकि भगवान परशुराम वंशी है हमलोग और हमें एकजुटता के साथ समाज के उन्नति और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करना है क्योंकि हमारी मजबूती ही हमारी पहचान है और यह पहचान हमारे शौर्य और वीरता से हमारे तप त्याग और समर्पण से मिली है जो अखंड विश्व का कल्याण करना संभव करते है ।