UPSC: हाल ही में यूपीएससी परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करने वाली पूरवा चौधरी एक ओर जहां अपनी खूबसूरती और मॉडल जैसे लुक के कारण सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं, वहीं दूसरी ओर उनके OBC सर्टिफिकेट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कुछ लोगों ने उनके जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए जांच की मांग की है. सोशल मीडिया पर यह मामला तेजी से वायरल हो रहा है और इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. पूरवा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने कठिन परिश्रम और परिवार के समर्थन को दिया है, लेकिन अब यह विवाद उनकी उपलब्धि पर सवाल खड़े कर रहा है. वहीं, समर्थकों का कहना है कि यह सिर्फ एक साजिश है ताकि एक सफल महिला की छवि धूमिल की जा सके. फिलहाल अधिकारियों ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
पूरवा चौधरी ने OBC नॉन-क्रीमी लेयर श्रेणी के तहत परीक्षा दी थी, लेकिन अब उनके प्रमाण पत्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने उनके जाति प्रमाण पत्र की वैधता पर सवाल उठाए हैं और इसे लेकर जांच की मांग की जा रही है. बताया जा रहा है कि कुछ लोगों का आरोप है कि पूरवा ने क्रीमी लेयर की शर्तों को पूरा नहीं किया, लोगों का कहना है कि इंस्टाग्राम पर उनकी लाइफस्टाइल देखकर ये नहीं लगता कि उनके परिवार की सालाना इनकम 8 लाख रुपए से कम है. इसके बावजूद उन्होंने आरक्षण का लाभ लिया.
इस पूरे मामले ने यूपीएससी चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी बहस छेड़ दी है. जहां एक ओर पूरवा के समर्थक इसे एक टॉपर लड़की के खिलाफ सुनियोजित साजिश बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विरोधियों का कहना है कि यदि अनियमितता हुई है तो कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. फिलहाल प्रशासन ने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है और जल्द ही सच्चाई सामने आने की उम्मीद है.