• 2025-05-01

Makhana Benefits:पुरानी बीमारियों का इलाज करता है मखाना,वजन को कंट्रोल करने में बेहद असरदार

Meta Description

 Health: मखाना एक ऐसा सुपरफूड है जिसका सेवन करने से कई बीमारियों का एक साथ इलाज होता है। ये ड्राई फ्रूट रहीस लोगों का सुपरफूड है जिसे वो शौक से खाते हैं। ज़ेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ को मखाना खाना बहुत पसंद है जिसकी जानकारी हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर दी है। ये कम कैलोरी वाला ड्राई फ्रूट क्रॉनिक बीमारियों जैसे डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। मखाना में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो मखाना में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फास्फोरस, आयरन और जिंक समेत कई आवश्यक पोषक तत्व भरपूर होते है।

नेशनल डायबिटीज ओबेसिटी एंड कोलेस्ट्रॉल फाउंडेशन सेंटर फॉर न्यूट्रीशन रिसर्च की डॉक्टर सीमा गुलाटी के मुताबिक कम कैलोरी और ग्लूटेन फ्री मखाना वजन को कंट्रोल करने में बेहद असरदार साबित होता है। 100 ग्राम मखाना में लगभग 300 कैलोरी होती है जो बहुत कम है। ये मखाना भूख को कंट्रोल करता है और वजन को घटाता है। फाइबर से भरपूर मखाना, खाने की क्रेविंग को कंट्रोल करता है।

केंद्रीय बजट में मखाना बोर्ड के गठन की बात भी कही गई है। इसलिए बिहार के लोग खुश हैं क्योंकि देश में उत्पादन होने वाले कुल मखाना का 90 फीसदी तक बिहार में होता है। इसमें भी मिथलांचल वाले हिस्से से ही इसका ज्यादातर हिस्सा आता है। पोषक तत्वों से भरपूर, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर आदि का भंडार मखाना स्नैक्स के रूप में सभी डाइटिशन की पहली पसंद बनकर उभरा है। बड़ी बात यह कि मखाने की पैदावर स्थिर पानी में यानी तालाब, पोखर आदि में होती है। बिहार के भागलपुर में 24 फरवरी 2025 को हुई जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं साल के 365 दिनों में से 300 दिन मखाने जरूर खाता हूं।

यह सच है कि मखाने को खाने लायक यानी सफेद फूल के रूप में लाने तक में बहुत ज्यादा मेहनत, धैर्य की जरूरत होती है। छोटे तालाब से जो मखाना निकाला जाता है, वह काले कवरिंग के साथ होता है। मजदूरों को तालाबों में उतरकर मखाने के सीड को निकालना होता है। चूंकि मखाना एक जलीय पौधा है और इसमें कांटे भी होते हैं जो पानी के नीचे अमूमन सही तरीके से दिखाई नहीं देता, इसलिए जो मजदूर मखाने को निकालने के लिए पानी में उतरता है, उसे कांटे चुभते हैं तो उसके शरीर से खून भी निकलता रहता है।

तालाबों से निकालने के बाद उसे सुखाने, फिर काले कवरिंग को हटाने के लिए रोस्ट किया जाता है। फिर एक-एक दाने को तोड़कर सफेद फूल निकाला जाता है। फूल की साइज के अनुसार ही मखाने की कीमत तय होती है। मखाने का सबसे बड़ा फूल सबसे महंगा मखाना होता है। वर्तमान में सबसे बड़े फूल वाला मखाना रिटेल में 1200 से 1800 रुपये प्रति किलो तक है। वहीं छोटे फूल वाले मखाने की कीमत 600 से 1100 रुपये तक है। इसकी मांग देश और विदेश हर जगह है। ज्यादातर उत्पादन बिहार और बंगाल में होता है।

1. अगर कोई किडनी पेशंट है तो उसे मखाने कम खाने चाहिए, खासकर जिनका पोटैशियम लेवल ज्यादा रहता हो क्योंकि इसमें पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है।

2. पांच साल से कम उम्र के बच्चों को भी मखाने देने से बचना चाहिए। उन्हें निगलने में परेशानी हो सकती है और चोकिंग (गले में फंसने की समस्या) की स्थिति बन सकती है।
3. मखाना वजन कम करने में मददगार है। इसे खाने से भूख कम लगती है और भुने हुए मखाने में कैलरी की मात्रा भी काफी कम होती है। इस लिहाज से भी यह बहुत बढ़िया है।
4. आयुर्वेद के अनुसार मखाना शीतल गुण वाला है। इसे 5 साल से बड़े बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं, प्रेग्नेंसी के बाद और शुगर मरीज समेत लगभग सभी को दिया जा सकता है।
 
5. मखाना सिर्फ स्नैक्स ही नहीं, ब्रेकफस्ट के लिए भी बढ़िया है। दूध में मिलाकर खा सकते हैं। मौसमी सलाद पर नमकीन भुजिया के बदले रोस्टेड मखाना बेहतर ऑप्शन हैं।