• 2025-07-09

Saraikela Success Story: सरायकेला के रापचा गांव से आईआईटी दिल्ली तक दिव्यांग लखन महाली ने लिखी सफलता की नई कहानी

सरायकेला : कहते हैं, अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी मुश्किल रास्ता मंज़िल पाने से नहीं रोक सकता। इस बात को सच कर दिखाया है सरायकेला जिले के रापचा गांव के दिव्यांग आदिवासी छात्र लखन महाली ने, जिसने अपने अदम्य साहस और कड़ी मेहनत से जेईई मेन्स परीक्षा में एसटी/एससी-पीडब्ल्यूडी कैटेगरी में देशभर में दूसरा स्थान हासिल किया है। अब लखन आईआईटी दिल्ली में कंप्यूटर साइंस जैसे प्रतिष्ठित कोर्स में दाखिला लेकर इतिहास रच चुका है।
लखन महाली के दोनों हाथों में जन्मजात विकलांगता है, जिसके कारण लंबे समय तक पेन पकड़ना तक मुश्किल था। बावजूद इसके, उसने कभी हार नहीं मानी और अपनी कमजोरी को ताकत में बदलते हुए टेक्नोलॉजी को अपना सहारा बनाया। डिजिटल टूल्स के माध्यम से लखन ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और आज उसका सपना साकार हो गया।

किसी ने सही कहा है— संघर्ष चाहे जितना बड़ा हो, अगर इरादे मजबूत हों तो जीत तय है। लखन के माता-पिता ठेकेदारी में मजदूरी कर जैसे-तैसे अपने चार बच्चों का पालन-पोषण करते हैं। लखन बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहा है और कठिन परिस्थितियों के बावजूद उसने खुद को कमजोर नहीं पड़ने दिया।

आज लखन महाली की यह कामयाबी न केवल रापचा गांव के लिए बल्कि पूरे झारखंड और आदिवासी समाज के लिए गर्व और प्रेरणा की मिसाल बन गई है। उसकी कहानी हजारों युवाओं को यह सिखाती है कि परिस्थितियाँ कैसी भी हों, अगर सपनों को पाने की जिद हो तो हर बाधा छोटी पड़ जाती है।