DC Karn Satyarthi: झारखंड जिले में PVTG समुदाय के सामाजिक-आर्थिक स्थिति, सरकारी योजनाओं की पहुंच और आवश्यकताओं के मूल्यांकन हेतु जिला प्रशासन द्वारा प्रोजेक्ट उत्थान के तहत एक सर्वेक्षण प्रारंभ किया जा रहा है। इसी क्रम में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देशानुसार महिला विश्वविद्यालय सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला को उपायुक्त एवं उप विकास आयुक्त नागेन्द्र पासवान ने संबोधित किया । मौके पर जिला योजना पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार सहित सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी उपस्थित रहे।
इस विशेष सर्वेक्षण में महिला विश्वविद्यालय, जमशेदपुर की अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, भूगोल एवं इतिहास संकाय की 104 छात्राएं (रिजर्व सहित) सहभागी बनेंगी, जो प्रखंडवार क्षेत्र में जाकर PVTG परिवारों से संपर्क कर ज़मीनी वास्तविकताओं का आंकलन करेंगी।
उपायुक्त ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी स्टूडेंट्स के साथ-साथ जागरूक नागरिक भी हैं। यह सर्वेक्षण आपके लिए एक महत्वपूर्ण लर्निंग एक्सपीरियंस होगा। इसमें आपकी आदर्श सोच (idealism) और प्रशासन की संवेदनशीलता मिलकर एक सार्थक प्रयास बनेगा। हम चाहते हैं कि चीज़ों को ईमानदारी से रिपोर्ट किया जाए, ताकि हमें सटीक और ग्रासरूट स्तर की जानकारी मिल सके।
उपायुक्त ने बताया कि PVTG समुदाय समाज के सबसे वंचित वर्गों में से एक है। सरकार ने इन्हें प्रिमिटिव नहीं, बल्कि वल्नरेबल मानते हुए विशेष योजनाएं शुरू की हैं। योजनाओं की जमीनी हकीकत को समझने के लिए छात्राओं से अपील किया कि वे ट्रूथफुल ऑब्जर्वेशन करें और लोगों से संवाद कर उनके अनुभवों को गहराई से जानें । उन्होने कहा कि समस्या को देखकर छोड़ना नहीं है, इस नजरिए से काम करेंगे तो किसी भी समाज, समुदाय का विकास नहीं हो पाएगा । समस्या को समझते हुए उसका निष्पादन करना इस पूरे अभ्यास का उद्देश्य है।
उप विकास आयुक्त ने कहा कि सर्वेक्षण का उद्देश्य सरकार की योजनाएं PVTG गांवों तक पहुंच रही या नहीं इसकी सटीक जानकारी संग्रहित करना है। सर्वेक्षण के माध्यम से PVTG परिवारों की सामाजिक- आर्थिक स्थिति का गहन आकलन करना है। इस प्रक्रिया का अंतिम उद्देश्य यह है कि जो भी योजना बनाई जाए, वह तथ्यात्मक आंकड़ों एवं वास्तविक आवश्यकताओं के आधार पर हो, जिससे योजनाओं का क्रियान्वयन और अधिक प्रभावशाली एवं उद्देश्यपूर्ण हो।