• 2025-07-01

Dalma Area: दलमा क्षेत्र से आदिवासियों एवं अन्य परंपरागत वनवासियों को उजाड़ने की साजिश के खिलाफ हज़ारों की हुंकार

Dalma Area: जमशेदपुर में आज एक ऐतिहासिक जनविरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया, जिसमें हज़ारों की संख्या में आदिवासी और अन्य परंपरागत वननिवासी शामिल हुए। यह प्रदर्शन दलमा क्षेत्र को इको-सेंसिटिव ज़ोन घोषित करने के नाम पर आदिवासी और अन्य परंपरागत वननिवासी परिवारों को उजाड़ने, उनके पारंपरिक निवासों को ध्वस्त करने और वनाधिकार को दरकिनार करने की सरकारी साजिशों के खिलाफ था।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं अपने हाथों में नारे और माँगों से लिखे हुए बैनर लेकर आई थीं, जिनमें लिखा था — “हम वनवासी हैं, बेघर नहीं होंगे!” “हम उजाड़े नहीं जाएंगे – जंगल हमारा है!” महिलाओं के नारों और चेहरों पर दशकों का दर्द और अधिकारों के लिए खड़ा होने की चेतना साफ़ झलक रही थी।
"इको-सेंसिटिव जोन" के नाम पर पारंपरिक निवासों को ध्वस्त करने की कार्रवाई को तुरंत रोका जाए।
प्रत्येक प्रभावित ग्रामसभा की पूर्व सहमति के बिना कोई भी निर्णय या कार्रवाई न की जाए।
वन अधिकार अधिनियम 2006 (FRA) के तहत अधिकारों की अधिस्वीकृति की प्रक्रिया को पारदर्शिता से पूरा किया जाए।
विस्थापन नहीं, स्थायी परंपरागत अधिकारों की गारंटी दी जाए।


पूरे मामले की न्यायिक जांच कराई जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
प्रदर्शन में झारखंड ग्राम सभा सुरक्षा मंच, झारखंड प्रदेश आदिवासी भूमि मुण्डा युवा संगठन, कोल्हान आदिवासी सम्प्रभुता समिति, चांडिल अनुमंडल स्वराज सोशियो इकनॉमिक एंड रिसर्च सेंटर, झारखंड जनतांत्रिक महासभा, आदिवासी जन मंच, बिरसा सेना और अन्य जनसंगठनों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित थी।
यह प्रदर्शन केवल विरोध नहीं, बल्कि जल, जंगल, जमीन और जीवन की रक्षा के लिए आदिवासी समाज की संगठित चेतना और लोकतांत्रिक प्रतिरोध का प्रतीक बनकर उभरा। आदिवासी और अन्य परंपरागत वननिवासी अपनी जमीन और अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनकी मांगों को सुना जाए और उन्हें न्याय दिया जाए ।