• 2025-06-30

Saraikela News: सरायकेला सिविल सर्जन जान जोखिम में डाल कर रहे कार्य, जर्जर भवन में फंसी स्वास्थ्य व्यवस्था

सरायकेला की हालत ऐसी हो गई है कि एक समस्या खत्म नहीं होती, दूसरी सामने खड़ी हो जाती है। इस बार संकट जिले के स्वास्थ्य तंत्र पर मंडरा रहा है। सिविल सर्जन कार्यालय, जिसे स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ माना जाता है, अब खुद ही गंभीर खतरे में है।

स्वास्थ्य सेवाओं में गड़बड़ियों की बात तो आम है, लेकिन अब हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि सिविल सर्जन समेत कार्यालय कर्मियों की जान पर भी खतरा मंडराने लगा है। कार्यालय की छत जगह-जगह से झर रही है, दीवारें चटक गई हैं और मानसून में छतों का गिरना आम हो गया है। लगातार बारिश के चलते भवन की स्थिति और भी भयावह हो चुकी है।

कार्यालयकर्मी हर दिन जान हथेली पर रखकर काम करने को मजबूर हैं। यह पूरी स्थिति भवन निर्माण विभाग की घोर लापरवाही को उजागर करती है।

जानकारी के अनुसार, करीब दो साल पहले भवन की मरम्मत के लिए विभाग को फंड जारी कर दिया गया था, लेकिन मरम्मत के नाम पर सिर्फ छत पर पेटी स्टोन ढलाई कर खानापूर्ति कर दी गई। शेष काम अधूरा छोड़ दिया गया, जो अब तक नहीं पूरे हुए।

जब इस बारे में भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता सत्येश देवगाम से बात करनी चाही गई, तो उन्होंने पत्रकारों से संवाद करने से इनकार कर दिया। किसी तरह सहायक अभियंता से बात हो सकी, तो उन्होंने स्वीकारा कि फंड मिल चुका है, लेकिन काम अब भी अधूरा है और प्रक्रिया में है।

अब सवाल उठता है कि जब जिले के सबसे महत्वपूर्ण चिकित्सा अधिकारी—सिविल सर्जन—की सुरक्षा और कार्यस्थल की हालत ऐसी है, तो आम जनता की स्थिति की कल्पना करना कठिन नहीं है। यह स्थिति अबुआ सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करती है।