झारखंड के पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने चांडिल अनुमंडल के डैम आईपी क्षेत्र में आयोजित युवा कांग्रेस की बैठक में कई अहम मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने विशेष रूप से चांडिल डैम विस्थापितों की बदहाली और हाथियों के आतंक को लेकर सरकार से सक्रिय भूमिका निभाने की मांग की।
ईचागढ़ क्षेत्र में बीते सात वर्षों से हाथियों का झुंड लगातार ग्रामीण इलाकों में आतंक मचा रहा है, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है। इस संबंध में मंत्री सहाय ने दलमा क्षेत्र की डीएफओ सबा आलम अंसारी से चर्चा की।
सुबोध कांत सहाय ने कहा कि बारिश के मौसम में हाथियों का आतंक और भी बढ़ जाता है। इस गंभीर समस्या पर तुरंत ध्यान देना जरूरी है।
डीएफओ के अनुसार, दलमा सेंचुरी में सिर्फ दो हाथी सक्रिय हैं, जबकि ईचागढ़ इलाके में विचरण कर रहा झुंड अलग है। मंत्री सहाय ने वोटा पंचायत के जंगल क्षेत्र में रहने वाले 16 आदिम जनजाति परिवारों को लगातार दिए जा रहे नोटिस को बंद करने का निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि ये सभी वन पट्टा धारक हैं और इनके अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।
इसके बाद उन्होंने चांडिल डैम विस्थापितों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया।
सुबोध कांत सहाय ने कहा कि चांडिल डैम से प्रभावित लोगों की दशा बेहद चिंताजनक है। इन्हें अभी तक उचित मुआवजा, रोजगार और आवास नहीं मिला है। राज्य सरकार को इस पर जल्द निर्णय लेना चाहिए ताकि इन किसानों और परिवारों को न्याय मिल सके।
उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की कि वे इस मुद्दे को प्राथमिकता दें और विस्थापितों को उनका हक और सम्मान दिलाएं।