सरायकेला : जेआरडीसीएल की लापरवाही के चलते सड़क दुर्घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। जनकल्याण मोर्चा ने उपायुक्त से सड़क की मरम्मत और स्ट्रीट लाइट लगवाने की मांग की है। सरकार मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन सड़क की हालत बदहाल बनी हुई है।
सरायकेला से चांडिल अनुमंडल सिविल कोर्ट तक की सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। जर्जर हालत और भारी टूट-फूट के कारण लोगों को आने-जाने में खासी परेशानी हो रही है। खासकर बारिश के मौसम में गड्ढों में पानी भरने से दुर्घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।
कांड्रा-सरायकेला मार्ग की बदतर स्थिति और कोलावीरा रेलवे टनल में रोशनी की व्यवस्था न होने से आमजन को जोखिम उठाना पड़ रहा है। सामाजिक संगठन जनकल्याण मोर्चा ने 6 अक्टूबर 2023 को उपायुक्त को ज्ञापन देकर यह मुद्दा उठाया था। इस पर पूर्व उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला के निर्देश पर जेआरडीसीएल के खिलाफ IPC की धारा 133 के तहत केस (संख्या 260/2023) चल रहा है, जो अब तक लंबित है।
आदित्यपुर-कांड्रा की 15.1 किमी लंबी सड़क 185 करोड़ रुपये में बनाई गई थी। झारखंड सरकार हर 6 महीने में जेआरडीसीएल को मरम्मत, स्ट्रीट लाइट, साफ-सफाई और आपात सेवाओं के लिए ₹22 करोड़ 9 हजार 93 रुपए देती है। इसी प्रकार चौका-कांड्रा-सरायकेला-चाईबासा मार्ग (68.70 किमी) के निर्माण में 337.07 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
जनकल्याण मोर्चा ने मांग की है कि चांडिल अनुमंडल कोर्ट, आदित्यपुर-कांड्रा और खरसावां-सरायकेला की सड़कों की तत्काल उच्च गुणवत्ता के साथ मरम्मत की जाए। संगठन ने यह भी कहा है कि स्ट्रीट लाइट चालू की जाए, जल जमाव रोकने हेतु नालियों की सफाई हो और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।