• 2025-06-27

DSP प्रमोशन में 40 बिहार के? – जयराम महतो की पार्टी ने झारखंड सरकार को घेरा, स्थानीयता पर फिर गरमाई राजनीति

Jamshedpur: झारखंड में स्थानीयता और 1932 के खतियान आधारित नीति की मांग को लेकर मुखर नेता जयराम महतो और उनकी पार्टी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। टाइगर जयराम के नेतृत्व में चलने वाली पार्टी ने हाल ही में X (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए झारखंड सरकार पर बड़ा सवाल उठाया है। पोस्ट में लिखा गया है कि "झारखंड सरकार ने हाल ही में 64 इंस्पेक्टरों को DSP के पद पर प्रमोट किया, जिनमें 40 बिहार के हैं।" इस पोस्ट के साथ चार पन्नों की वह सूची भी साझा की गई है, जिसमें सभी 64 चयनित अभ्यर्थियों के नाम शामिल हैं। पार्टी का दावा है कि इन नामों में से 40 उम्मीदवार मूल रूप से बिहार से हैं, जिससे स्थानीयता की भावना को ठेस पहुंची है।

इस मुद्दे पर सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक बहस छिड़ गई है। आम नागरिकों की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उनका कहना है कि झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाएं पहले ही तमाम अड़चनों से घिरी रहती हैं, कभी पेपर लीक, कभी रिजल्ट में देरी, तो कभी परीक्षा रद्द। इन सबके बावजूद जो गिने-चुने अभ्यर्थी परीक्षा पास करते हैं, अगर उनमें भी बाहरी राज्य के लोगों को तरजीह दी जाए, तो झारखंडी युवाओं के लिए सरकारी नौकरी की राह और मुश्किल हो जाती है।

डुमरी विधायक और खतियान आंदोलन के प्रमुख चेहरे जयराम महतो ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है। उन्होंने हमेशा से स्थानीयता और 1932 के खतियान को नियुक्ति की आधार बनाने की वकालत की है। कहा जा सकता है कि इसी मुद्दे ने उन्हें जमीन से उठाकर विधानसभा तक पहुंचाया। जयराम महतो आज राज्य के लाखों युवाओं के लिए उम्मीद का प्रतीक बन चुके हैं।

फिलहाल इस मामले पर राज्य सरकार की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विपक्ष और क्षेत्रीय दलों के लिए यह एक बड़ा सियासी मुद्दा बनता नजर आ रहा है।

अब देखना यह होगा कि सरकार स्थानीय युवाओं की आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर कोई कदम उठाती है या यह मामला भी कोर्ट और आंदोलनों के हवाले हो जाएगा।