• 2025-06-25

Nimdih Elephant Death: नीमडीह में हाथी की मौत से मचा हड़कंप, वन विभाग पर भड़के ग्रामीण, कार्यशैली पर उठे सवाल,

नीमडीह (सरायकेला-खरसावां) : जिले के नीमडीह थाना क्षेत्र स्थित हेवेन गांव में एक जंगली हाथी की मौत ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। घटना के बाद स्थानीय लोगों में वन विभाग के प्रति गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है। बीते एक महीने के भीतर चांडिल वन क्षेत्र में दो हाथियों की मौत ने विभागीय कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बार-बार हो रही हाथियों की मौत से वन विभाग की विफलता उजागर होती नजर आ रही है।

ग्रामीणों का आरोप है कि वन एवं पर्यावरण विभाग की लापरवाही के कारण दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी के हाथियों को भोजन-पानी के अभाव में पलायन करना पड़ रहा है। मजबूर होकर ये झुंड ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के पलास बागानों और खेतों के आसपास डेरा डाले हुए हैं।

हर वर्ष केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वन एवं पर्यावरण विभाग को करोड़ों रुपये संरक्षण के लिए दिए जाते हैं, फिर भी हालात जस के तस हैं। चांडिल क्षेत्र में पर्याप्त चारा और जल स्रोत नहीं होने की वजह से बीते 5-6 वर्षों से हाथी गांवों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है।


ग्रामीणों ने बताया कि विशालकाय हाथी खेतों में लगी फसल को रौंद देते हैं और कभी-कभी जानमाल का भी नुकसान कर जाते हैं। बीते कुछ वर्षों में करंट, जहरीली फसल खाने और अन्य कारणों से कई हाथियों की जान गई है, लेकिन कार्रवाई सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाती है।

फिलहाल वन विभाग के किसी पदाधिकारी का आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन हाथी की मौत के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर एकत्र हो गए हैं।

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि हाथियों की इन लगातार हो रही मौतों की जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा?

सरकारी योजनाओं का लाभ इन वन्य जीवों तक क्यों नहीं पहुंच पा रहा है?

क्या कोई विभाग या अधिकारी इस स्थिति की जवाबदेही लेने को तैयार है?