Santali Film Association: आदिवासी सिनेमा के सतत विकास के लिए ऑल इंडिया संताली फिल्म एसोसिएशन लगातार कार्यरत रही है। इस प्रयास से आज संताली भाषा में अनेक उत्कृष्ट फिल्में बनी हैं, जिनकी पहचान न केवल झारखंड, बंगाल, ओड़िशा, असम तक, बल्कि बांग्लादेश और नेपाल तक भी बनी है।
आपने संताली सिनेमा के आधार स्तंभ स्व. दशरथ हांसदा के साथ कार्य कर इस आंदोलन को नई दिशा दी। जैसे भगवान राम के सेतु निर्माण में गिलहरी का योगदान भी महत्वपूर्ण था, वैसे ही आपका परिश्रम भी इस नींव का हिस्सा रहा है।
हमने इन्हीं ऐतिहासिक योगदानों को संजोने हेतु एक महत्वपूर्ण पुस्तक “संताली सिनेमा और दशरथ हांसदाह्न” तैयार की है। इसमें आपका योगदान भी विशेष रूप से सम्मिलित है। यह पुस्तक संताली (ओल चिकी लिपि), हिंदी और अंग्रेज़ी में प्रकाशित हो रही है।
इस गौरवपूर्ण कृति का लोकार्पण हम ओल चिकी लिपि के 100 वर्ष और संताल हूल दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कर रहे हैं: 28 जून को माइकल. जॉन ऑडिटोरियम में इस पुस्तक का विमोचन होगा