Telco Police Against Allegations: टेल्को पुलिस पर गंभीर आरोप, हिरासत में मारपीट और झूठे केस की आशंका,परिवार ने CBI जांच की माँग उठाई
Telco Police Against Allegations: जमशेदपुर के टेल्को थाना क्षेत्र से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे पुलिस महकमे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने एक युवक को बिना किसी ठोस कारण के उठाया, उसके साथ बर्बरता की गई, और बाद में उस पर अवैध हथियार रखने का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया। अब इस पूरे मामले में परिवार ने CBI जांच की माँग करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
जमशेदपुर के जेमको इलाके में रहने वाले प्रदीप शर्मा को पुलिस ने तीन दिन पहले टेल्को थाना क्षेत्र से हिरासत में लिया। परिजनों का दावा है कि प्रदीप को गिरफ्तारी की कोई वजह बताए बिना पुलिसकर्मी उठाकर ले गए।
इसके बाद उसे बिरसानगर थाना में रखा गया, जहाँ रात भर उससे पूछताछ के नाम पर मारपीट की गई। परिजनों का आरोप है कि हिरासत में न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक तौर पर भी प्रताड़ित किया गया।
वही परिवार के लोगो का कहना है की“हमें तीन दिन तक सही जानकारी नहीं दी गई कि प्रदीप कहां है। बाद में पता चला कि उसे बिरसानगर थाना में रखा गया था। जब हम मिलने गए तो देखा कि उसके शरीर पर चोट के निशान हैं।
इसके बाद पुलिस ने प्रदीप पर दो देसी कट्टा और छह कारतूस रखने का आरोप लगाते हुए उसे जेल भेज दिया।
क्या गिरफ्तारी कानूनी रूप से की गई?
क्या FIR दर्ज करने से पहले मेडिकल परीक्षण कराया गया?
क्या हथियार व कारतूस की बरामदगी निष्पक्ष गवाहों के सामने हुई?
हिरासत के दौरान मारपीट क्यों की गई
परिवार का कहना है कि पुलिस ने साजिश के तहत यह पूरा मामला गढ़ा है। उन्होंने कहा:
अगर प्रदीप ने कोई अपराध किया है तो उसे कानून सजा दे। लेकिन बिना सबूतों के उसे टॉर्चर करना, हथियार जब्ती दिखाना – ये सब कुछ पुलिसिया साजिश लगती है।”
परिजनों ने झारखंड सरकार, मानवाधिकार आयोग, और झारखंड हाईकोर्ट से इस मामले में संज्ञान लेने और CBI या स्वतंत्र एजेंसी से जांच की माँग की है।