Dhanbad Suicide: धनबाद जिले में इस वर्ष 2025 के शुरुआती साढ़े 5 महीने में कुल 105 लोगों ने आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाया है। आत्महत्या के ये आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं और जिले के विभिन्न थानों में दर्ज प्राथमिकी और पुलिस रिकॉर्ड से सामने आयी जानकारी के अनुसार अधिकतर लोग अवसाद के मामले में आत्महत्या का कदम उठाते हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आत्महत्या के सबसे अधिक मामले धनबाद, धनसार, निरसा और जोड़ापोखर थाना क्षेत्रों से सामने आये हैं। इन क्षेत्रों में लगातार आत्महत्या की घटनाएं हो रही है और यह एक गंभीर समस्या बन गई है।
विशेषज्ञों की मानें तो आत्महत्या के पीछे का मुख्य कारण मानसिक तनाव, बेरोजगारी, पारिवारिक कलह, आर्थिक तंगी, नशा और अवसाद है। आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर बच्चों पर कठोरता और बड़ों में अकेलापन, यही आज की सबसे खतरनाक चुप्पी है, जो आत्महत्या जैसी प्रवृत्तियों को जन्म देती है।
परिवार अगर स्नेह और संवाद से भरा हो, तो न कोई बच्चा टूटेगा और न ही कोई बुजुर्ग अकेला महसूस करेगा। आज के समय में अकेलापन ही नशे की लत को बढ़ा रहा है। लोगों को अपने परिवार से दूर नहीं जाना चाहिए। लोगों से दूरी नहीं, लोगों से संबंध बनायें। इससे डिप्रेशन जैसी शिकायतें नहीं होगी।
आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए हमें परिवार और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की जरूरत है। हमें अपने बच्चों और बड़ों के साथ संवाद करना चाहिए और उनकी समस्याओं को समझना चाहिए। हमें मानसिक तनाव और अवसाद के मामलों में मदद करनी चाहिए और लोगों को नशे की लत से बचाना चाहिए।
सरकार को भी आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए। सरकार को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना चाहिए और अवसाद के मामलों में मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर शुरू करना चाहिए। सरकार को बेरोजगारी और आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए भी कदम उठाने चाहिए।
धनबाद जिले में आत्महत्या के आंकड़े चौंकाने वाले हैं और यह एक गंभीर समस्या है। आत्महत्या के पीछे के कारणों को समझने और समाधान के लिए कदम उठाने की जरूरत है। हमें परिवार और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की जरूरत है और सरकार को भी आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।