Kuchai Block: सरायकेला-खरसावां जिला के कुचाई प्रखंड के छोटा सेगोई और अरुवां पंचायत के 22 गांवों में जल संरक्षण और आजीविका विस्तार के लिए एक सार्थक पहल की गई है। राजनगर की "सहयोगी महिला संस्था" ने इन गांवों में जल छाजन और आजीविका योजना के माध्यम से ग्रामीण जीवन स्तर को सशक्त और खुशहाल बनाने की दिशा में काम किया है।
संस्था ने झारखंड राज्य जल छाजन मिशन के तहत कुचाई प्रखंड के 22 गांवों में जल छाजन से काफी हद तक हरियाली आयी है। संस्था द्वारा "पानी बचाओ" के नारे को व्यवहार में लाते हुए इन गांवों में वर्षा जल का संचयन, भूगर्भ जल का संरक्षण और जल का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है।
इन 22 गांवों में जल संरचनाओं की बहुआयामी पहल की गई है, जिनमें टीसीबी (ट्रेंच कम बंड), वाटर ट्रेंच, फिल्ड बंडिंग, तालाब, डोभा, मिट्टी के चेक डैम और नालों में लूज बोल्डर तथा ब्रास वुंड जैसी संरचनाएं बनाकर वर्षाजल को खेतों में रोकने और सिंचाई योग्य जल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।
जल छाजन कार्य से क्षेत्र के 4600 हेक्टेयर भूमि में कृषि योग्य बनाया गया है। वहीं, लूज बोल्डर का प्रयोग कर 222 नग गली-प्लग का निर्माण कराया गया है। वाटर एवजोरवेशन टफेंच व मेड़बंदी तकनीक का उपयोग कर 962 हेक्टेयर भूमि का उपचार किया गया है।
संस्था द्वारा संचालित आजीविका कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक 365 परिवारों को बकरी पालन, सुअर पालन और बतख पालन के माध्यम से स्वरोजगार भी उपलब्ध कराया गया है। इससे ग्रामीणों को आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिल रही है।
कुचाई प्रखंड के 22 गांवों में जल संरक्षण और आजीविका विस्तार के लिए की गई पहल से ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार आया है। संस्था के प्रयासों से जल संरक्षण, हरियाली और कृषि के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में सार्थक पहल की गई है। इस कार्यक्रम की सफलता में संस्था के सचिव जवाहर लाल महतो, आजीविका विशेषज्ञ चिंतामणी गोप और सामाजिक कार्यकर्ता श्याम चांद प्रमाणिक की अहम भूमिका रही है।