• 2025-06-12

Jharkhand Big Action In Abua Housing Scam: में अबुआ आवास घोटाले में बड़ी कार्रवाई

Jharkhand Big Action In Abua Housing Scam: झारखंड के पलामू जिले में अबुआ आवास योजना में गड़बड़ी के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। पाटन प्रखंड के सगुना पंचायत की मुखिया मंजू देवी की वित्तीय शक्तियां जब्त कर ली गई हैं। इसके अलावा, सगुना पंचायत के पंचायत सचिव अहमद हुसैन अंसारी और पड़वा प्रखंड के गाड़ीखास के पंचायत सचिव मनोज कुमार मिश्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
कार्रवाई के पीछे का कारण यह है कि मुखिया मंजू देवी ने अबुआ आवास के 11 योग्य लाभुकों को अयोग्य दिखाकर आवास योजना के लाभ से वंचित रखा, जबकि अयोग्य लाभुकों को आवास का लाभ दिया गया। जांच में यह बात सामने आई है कि पंचायत सचिवों ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उपायुक्त समीरा एस के निर्देश पर पंचायती राज विभाग झारखंड को पत्र लिखा गया है, जिसमें मुखिया मंजू देवी की वित्तीय शक्ति जब्त करने की अनुशंसा की गई है। इसके अलावा, पंचायत सचिव अहमद हुसैन अंसारी और मनोज कुमार मिश्र को निलंबित कर दिया गया है। अहमद हुसैन अंसारी को लेस्लीगंज मुख्यालय में रहने का निर्देश दिया गया है, जबकि मनोज कुमार मिश्र को सदर प्रखंड में रहने का निर्देश दिया गया है।
जिलास्तरीय टीम ने इस मामले की जांच की और जांच के बाद उप विकास आयुक्त द्वारा मुखिया की वित्तीय शक्ति जब्त करने की अनुशंसा की गई थी। इसके बाद पंचायती राज विभाग झारखंड को पत्र लिखा गया है। मनोज कुमार मिश्र के खिलाफ विमला देवी पति विनोद कुमार मेहता ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने आवास देने के बदले 10 हजार रुपये की मांग की थी। जांच में शिकायत सही पाई गई, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।
अब देखना यह है कि आगे की कार्रवाई में क्या होता है। विभागीय कार्रवाई के लिए प्रपत्र क गठित किया गया है और जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि सरकार अबुआ आवास योजना में गड़बड़ी के मामलों में सख्त कार्रवाई करने के लिए तैयार है।

सरकार की मंशा है कि अबुआ आवास योजना का लाभ योग्य लाभुकों तक पहुंचे और इसमें किसी तरह की गड़बड़ी न हो। सरकार ने इस योजना को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं और इसकी जांच के लिए भी कई टीमें गठित की गई हैं।
झारखंड में अबुआ आवास घोटाले में बड़ी कार्रवाई हुई है। मुखिया और पंचायत सचिवों के खिलाफ कार्रवाई से यह संदेश गया है कि सरकार इस तरह की गड़बड़ी के मामलों में सख्त है। अब देखना यह है कि आगे की कार्रवाई में क्या होता है और सरकार इस योजना को लेकर क्या कदम उठाती है।