जमशेदपुर: जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में पूर्व विधायक एवं वर्तमान राज्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा शिलान्यासित कई जनसुविधा परियोजनाओं से जुड़े शिलापटों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं और नागरिकों में इस बात को लेकर गहरा रोष है कि इन योजनाओं के कार्यस्थलों से शिलापटों को या तो हटा दिया गया है या फिर उन्हें स्थापित ही नहीं किया गया।
इन योजनाओं में सड़क चौड़ीकरण, नागरिक सुविधाओं का विस्तार, परिवहन व्यवस्था में सुधार जैसी कई अहम परियोजनाएं शामिल हैं, जिनका विधिवत शिलान्यास बन्ना गुप्ता द्वारा किया गया था। लेकिन विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ लागू हुई आचार संहिता के बाद कार्य रुक गया था। अब कार्य पुनः प्रारंभ होने पर कार्यकर्ताओं का आरोप है कि राजनीतिक पूर्वाग्रह के तहत जानबूझकर शिलापटों से छेड़छाड़ की जा रही है।
राजनीतिक दबाव और पक्षपात के आरोप
कार्यकर्ताओं का कहना है कि कार्यकारी एजेंसियां – जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (JUSCO) और मानगो नगर निगम – वर्तमान विधायक के प्रभाव में आकर पूर्व विधायक बन्ना गुप्ता के नाम वाले शिलापटों को नजरअंदाज कर रही हैं। इसे उन्होंने राजनीतिक चापलूसी और लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान करार दिया है।
प्रशासन से कार्रवाई की माँग, एक सप्ताह का अल्टीमेटम
स्थानीय नागरिकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को लेकर उपायुक्त से तत्काल संज्ञान लेने की अपील की है। उनकी मांग है कि सभी शिलापटों को यथास्थान पर पुनः स्थापित किया जाए। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई नहीं होती है, तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। इस दौरान उत्पन्न किसी भी जनविरोध या अशांति के लिए वे जिला प्रशासन को पूर्ण रूप से जिम्मेदार ठहराएंगे।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है और क्या जनता के आक्रोश को शांत कर पाता है या मामला और तूल पकड़ता है।