Bodam Died During Treatment:बोड़ाम थाना क्षेत्र के भूला गांव में एक 30 वर्षीय महिला अनिता सिंह ने शनिवार रात अपने घर में किरासन छिड़क कर आग लगा ली। गंभीर हालत में परिजनों ने उसे एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान रविवार को उसकी मौत हो गई।
अनिता का पति श्रीमंत सिंह करीब 3 महीने पहले रोजगार के लिए बेंगलुरु गया था। समाजसेवी रजनी कांत सिंह ने बताया कि श्रीमंत प्रत्येक सप्ताह परिवार के लिए पैसे भेजता था, लेकिन अकेलेपन और मानसिक तनाव के कारण अनिता की स्थिति बिगड़ गई। पिछले कुछ दिनों से वह बीमार चल रही थी और तनाव में आकर उसने खुद को आग लगा ली।
इस घटना के बाद अनिता के दोनों छोटे बच्चों के सिर से मां का साया उठ गया। रविवार को जब शव गांव पहुंचा, तो दोनों बच्चे मनीष सिंह (3 वर्ष) और संदीप सिंह (डेढ़ वर्ष) अपनी मां के शव से लिपटकर जोर-जोर से रोने लगे। इस दृश्य ने सभी को हिला कर रख दिया।
श्रीमंत सिंह को घटना की सूचना मिलते ही वे बेंगलुरु से रवाना हो गए हैं और सोमवार को घर पहुंचेंगे। बताया जा रहा है कि श्रीमंत इससे पहले जमशेदपुर के एक होटल में मजदूरी करते थे, लेकिन कम मजदूरी के कारण वे बेहतर रोजगार की तलाश में बेंगलुरु चले गए थे।
श्रीमंत के माता-पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है, और घर में अनिता अपने दिव्यांग देवर और दोनों बेटों के साथ रहती थी। पति के जाने के बाद अनिता अकेलापन महसूस करने लगी थी, जिसका उसकी मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ा।
पुलिस ने इस मामले में आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है। अनिता के शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे परिजनों को सौंप दिया गया है। श्रीमंत के घर लौटने के बाद ही आगे की विधि पूरी की जाएगी।
इस घटना ने एक बार फिर से मानसिक स्वास्थ्य और अकेलेपन के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। अनिता की मौत ने उसके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, और अब देखना यह है कि प्रशासन और समाज इस कठिन समय में उनकी किस प्रकार सहायता कर पाता है।