Forest Department Accused Of Negligence: सरायकेला खरसावां जिले के नीमडीह प्रखंड अंतर्गत तील्ला के आमड़ा बेड़ा में एक विशालकाय दंतैल हाथी की मौत हो गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण हाथी की मौत हुई है। उनका कहना है कि वन विभाग ग्रामीणों की सुरक्षा में विफल हो रहा है और अब वे अपने संपत्ति की सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं।
ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में हाथियों की मौत का सिलसिला
ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में पिछले दो वर्षों में कई जंगली हाथियों की मौत हो चुकी है। यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। विधानसभा क्षेत्र में पिछले दो दिनों में कई जगहों पर दर्जनों ग्रामीणों के घरों को जंगली हाथियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
वन विभाग की जांच और कार्रवाई की मांग
अब यह देखने वाली बात है कि हाथी की मौत कैसे और कब हुई है। वन विभाग को इस मामले की जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, ग्रामीणों की सुरक्षा और संपत्ति की रक्षा के लिए भी कदम उठाने चाहिए। ग्रामीण वन विभाग से मांग कर रहे हैं कि वे उनकी सुरक्षा और संपत्ति की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाएं।
ग्रामीणों की चिंता
ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण वे अपने जीवन और संपत्ति को लेकर चिंतित हैं। उन्हें डर है कि अगर वन विभाग ने जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया, तो जंगली हाथियों के हमले में और भी लोग मारे जा सकते हैं।
वन विभाग की जिम्मेदारी
वन विभाग की जिम्मेदारी है कि वह जंगली हाथियों के हमले से ग्रामीणों की सुरक्षा करे और उनकी संपत्ति की रक्षा करे। वन विभाग को चाहिए कि वह इस मामले में जल्द से जल्द जांच करे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे। साथ ही, ग्रामीणों की सुरक्षा और संपत्ति की रक्षा के लिए भी प्रभावी कदम उठाए।
नीमडीह प्रखंड में विशालकाय दंतैल हाथी की मौत एक गंभीर मुद्दा है जिस पर वन विभाग को ध्यान देना चाहिए। वन विभाग को इस मामले की जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, ग्रामीणों की सुरक्षा और संपत्ति की रक्षा के लिए भी कदम उठाने चाहिए।