• 2025-06-04

Organisation Launches C CARES 2.0: कोयला खान भविष्य निधि संगठन ने लॉन्च किया सी केयर्स 2.0 वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन

Organisation Launches C CARES 2.0: केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफ) के सी केयर्स 2.0 वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन की लॉन्चिंग की।
यह डिजिटल प्रणाली सी-डैक द्वारा भारतीय स्टेट बैंक के सहयोग से विकसित और डिजाइन की गई है।
सी केयर्स 2.0 की विशेषताएं
सी केयर्स 2.0 वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन का उद्देश्य कोयला श्रमिकों, कोयला कंपनियों और सीएमपीएफओ के बीच एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में काम करना है। इससे पीएफ और पेंशन के दावों का निपटारा आसान, तेज और पारदर्शी हो सकेगा। पोर्टल रियल-टाइम ट्रैकिंग, स्वचालित अपडेट, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण और डिजिटल रिपोर्टिंग जैसी सुविधाओं से सुसज्जित है।
मोबाइल ऐप की विशेषताएं
मोबाइल ऐप में सदस्य अपनी प्रोफाइल, रोजगार विवरण, दावा स्थिति, पीएफ बैलेंस देख सकते हैं और शिकायत दर्ज कर सकते हैं। ऐप में चैटबॉट सहायक भी है, जो यूजर को त्वरित जानकारी देने में मदद करता है।
केंद्रीय मंत्री का बयान
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि यह पोर्टल न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के विजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पोर्टल पारदर्शिता, पहुंच और सहुलियत को बढ़ावा देता है। उन्होंने कोयला मंत्रालय से पोर्टल को अद्यतन रखने और श्रमिकों से इनपुट स्वीकार करने का भी आग्रह किया।

वर्तमान में यह सेवा फिलहाल इसीएल, एससीसीएल, एसइसीएल और डब्ल्यूसीएल के पांच क्षेत्रीय कार्यालयों में शुरू की गई है। एक जुलाई 2025 से इसे देश भर के सभी सीएमपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालयों में विस्तारित किया जाएगा।
कोयला सचिव विक्रम देव दत्त ने कहा कि यह पहल कोयला क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल कोयला श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा है और इससे उन्हें अपने पीएफ और पेंशन के दावों का निपटारा आसान और तेज तरीके से करने में मदद मिलेगी।

सी केयर्स 2.0 वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन कोयला श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा है। इससे उन्हें अपने पीएफ और पेंशन के दावों का निपटारा आसान और तेज तरीके से करने में मदद मिलेगी। यह पोर्टल पारदर्शिता, पहुंच और सहुलियत को बढ़ावा देता है और डिजिटल इंडिया के विजन को साकार करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।