• 2025-05-31

Jharkhand Intermediate Topper: अंकिता दत्ता और अंकित कुमार शाह ने जीता टॉपर का खिताब

Jharkhand Intermediate Topper:झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) द्वारा शुक्रवार को जारी 12वीं विज्ञान संकाय के रिजल्ट में गोविंदपुर की अंकिता दत्ता ने टॉप कर सबका दिल जीत लिया है।
अंकिता ने 500 में से 477 अंक हासिल किए हैं और अपने स्कूल, जिले और राज्य का नाम रोशन किया है। वहीं, साइंस स्ट्रीम में अंकित कुमार शाह ने 476 अंक प्राप्त कर राज्य में दूसरा स्थान हासिल किया है।

अंकिता दत्ता की सफलता की कहानी
अंकिता दत्ता रांची जिले की रहने वाली हैं और एक सामान्य परिवार से आती हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद अंकिता ने अपनी पढ़ाई में कोई समझौता नहीं किया। उन्होंने रोजाना नियमित रूप से पढ़ाई की, किताबों के साथ-साथ पुराने प्रश्न पत्रों का अभ्यास भी किया। स्कूल के शिक्षकों और परिवार का भरपूर सहयोग मिला।

अंकिता बताती हैं कि उन्होंने सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करने की आदत बनाई थी। मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी बनाकर सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया। विज्ञान विषयों में उन्होंने खासतौर पर फिजिक्स और केमिस्ट्री के कॉन्सेप्ट्स को अच्छे से समझने पर जोर दिया।
अंकित कुमार शाह की प्रेरणादायक कहानी
अंकित कुमार शाह पश्चिम सिंहभूम जिले के रहने वाले हैं और नोवामुंडी इंटर कॉलेज के छात्र हैं। उनके पिता स्थानीय स्तर पर चाय की दुकान चलाते हैं, और कठिन आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद अंकित ने पूरे समर्पण और मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है।


अंकित ने जेईई मेंस की परीक्षा भी पास कर ली है और अब उन्हें NIT कॉलेज में प्रवेश मिलने की उम्मीद है। उनका सपना एक इंजीनियर बनकर देश की सेवा करना है। दो भाईयों में सबसे बड़े अंकित अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को देते हैं।

परिवार की खुशी
जब रिजल्ट आया और अंकिता का नाम टॉपर्स की सूची में सबसे ऊपर था, तो उनके माता-पिता की आंखों में आंसू आ गए। यह आंसू खुशी और गर्व के थे। अंकिता की सफलता ने उनके परिवार को गर्व और सम्मान से भर दिया है।

अंकित के परिवार में भी खुशी का माहौल है। उनके पिता अनिल शाह ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है और वे उसकी सफलता से बहुत खुश हैं।

अंकिता दत्ता और अंकित कुमार शाह की सफलता एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे मेहनत, लगन और सही रणनीति से सफलता हासिल की जा सकती है। उनकी कहानी उन सभी छात्रों के लिए एक प्रेरणा है जो अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रयासरत हैं।

अंकिता और अंकित की सफलता ने न सिर्फ उनके परिवार का सिर गर्व से ऊँचा किया है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए वे एक प्रेरणा बन गए हैं। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि कठिन परिस्थितियों में भी मेहनत और समर्पण से सफलता हासिल की जा सकती है।