Ganga Oraon Who Passed Matriculation At The Age Of 56: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) द्वारा मैट्रिक परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद एक प्रेरणादायक कहानी सामने आई है।
खूंटी जिले के रहने वाले 56 वर्षीय गंगा उरांव ने मैट्रिक की परीक्षा पास की है और अपने परिवार में खुशी का माहौल बना दिया है।
गरीबी के कारण नहीं दे पाए थे परीक्षा
गंगा उरांव ने बताया कि गरीबी के कारण वह पहले मैट्रिक की परीक्षा नहीं दे पाए थे। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि 10वीं बोर्ड के रजिस्ट्रेशन के लिए उनके पास 40 रुपये तक नहीं थे। फीस के अभाव में गंगा परीक्षा से वंचित रह गए थे।
नौकरी स्थायी करने की मांग
गंगा उरांव डीएसई कार्यालय में दैनिक वेतन पर चपरासी के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें करीब 9 हजार रुपये मिलते हैं। नौकरी स्थायी करने की मांग को लेकर वे लगातार कई सालों से गुजारिश करते आ रहे हैं, लेकिन मैट्रिक की डिग्री नहीं होने के कारण हर बार उनकी मांग को टाल दिया जाता था।
मैट्रिक पास करने के बाद उम्मीदें
गंगा ने मैट्रिक परीक्षा देने का विचार बनाया और अब उन्हें सफलता भी मिल गई है। उन्हें उम्मीद है कि अब उनकी नौकरी स्थायी हो जाएगी। गंगा की इस सफलता से उनके परिवार में खुशी का माहौल है और उनकी मां बेटे के मैट्रिक पास होने से काफी खुश हैं।
प्रेरणादायक कहानी
गंगा उरांव की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो उम्र को लेकर अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाते हैं। गंगा ने साबित कर दिया है कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती है और यदि मन में ठान लिया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है।