• 2025-05-25

Warrant Issued Against Rahul Gandhi: राहुल गांधी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी

Warrant Issued Against Rahul Gandhi :झारखंड के चाईबासा में एक मानहानि मुकदमे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की परेशानी बढ़ सकती है। वर्ष 2018 में भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी से जुड़े केस में झारखंड के चाईबासा के एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।
क्या है मामला?

चाईबासा निवासी प्रताप कटियार नामक शख्स ने राहुल गांधी के खिलाफ 9 जुलाई, 2018 को दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया था कि उन्होंने वर्ष 2018 में कांग्रेस के अधिवेशन में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। इस टिप्पणी से अमित शाह की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची और उनकी भावनाएं आहत हुईं।

कोर्ट का आदेश

राहुल गांधी को 26 जून को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है, जिसका मतलब है कि उन्हें कोर्ट में पेश होना होगा और अपनी बात रखनी होगी।

राहुल गांधी की परेशानी बढ़ी

इस मामले में राहुल गांधी की परेशानी बढ़ सकती है। यदि वे कोर्ट में पेश नहीं होते हैं या अपनी बात रखने में असफल रहते हैं, तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

राजनीतिक प्रभाव

यह मामला राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है। यदि राहुल गांधी दोषी पाए जाते हैं, तो इससे उनकी राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंच सकता है और पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

अगली कार्रवाई

अब देखना यह है कि राहुल गांधी इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं और क्या वे कोर्ट में पेश होते हैं या नहीं। इस मामले में आगे की कार्रवाई 26 जून को कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर निर्भर करेगी। यदि राहुल गांधी कोर्ट में पेश होते हैं और अपनी बात रखने में सफल रहते हैं, तो मामला सुलझ सकता है। लेकिन यदि वे कोर्ट में पेश नहीं होते हैं या अपनी बात रखने में असफल रहते हैं, तो मामला और भी जटिल हो सकता है।

राहुल गांधी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने से उनकी परेशानी बढ़ सकती है। इस मामले में आगे की कार्रवाई 26 जून को कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर निर्भर करेगी। यदि राहुल गांधी कोर्ट में पेश होते हैं और अपनी बात रखने में सफल रहते हैं, तो मामला सुलझ सकता है। लेकिन यदि वे कोर्ट में पेश नहीं होते हैं या अपनी बात रखने में असफल रहते हैं, तो मामला और भी जटिल हो सकता है।