चांडिल वन क्षेत्र में जंगली हाथियों का उत्पात लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे स्थानीय लोग भय और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर हैं। हाथियों का यह दल दिन में चांडिल डैम में जल क्रीड़ा करते देखा जा रहा है, जबकि रात के अंधेरे में वे गांवों में घुसकर फसलों को रौंद रहे हैं और घरों को नुकसान पहुँचा रहे हैं
jharkhand : चांडिल झारखंड :चांडिल वन क्षेत्र में जंगली हाथियों का उत्पात लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे स्थानीय लोग भय और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर हैं। हाथियों का यह दल दिन में चांडिल डैम में जल क्रीड़ा करते देखा जा रहा है, जबकि रात के अंधेरे में वे गांवों में घुसकर फसलों को रौंद रहे हैं और घरों को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
ताज़ा मामला चांडिल बाज़ार क्षेत्र का है, जहां सांसद प्रतिनिधि के घर में देर रात एक जंगली हाथी घुस गया। यह पूरी घटना उनके घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। फुटेज में देखा जा सकता है कि किस तरह हाथी घर के मुख्य दरवाज़े को तोड़कर भीतर दाखिल हुआ और परिसर में रखे सामान को नुकसान पहुँचाया।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले कुछ सप्ताहों से हाथियों का यह झुंड आसपास के गांवों में नियमित रूप से आ रहा है। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि हाथी खेतों में खड़ी धान और सब्जियों की फसल को पूरी तरह नष्ट कर चुके हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच चुकी है और हाथियों को सुरक्षित रूप से जंगल में लौटाने के लिए विशेष टीम तैनात की गई है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे रात के समय सतर्क रहें और घरों के आसपास रोशनी की व्यवस्था करें, ताकि जंगली जानवरों को दूर रखा जा सके।
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "चांडिल डैम का जल क्षेत्र हाथियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। गर्मी के मौसम में पानी की तलाश में हाथी नीचे की ओर आ रहे हैं और फिर गांवों की ओर बढ़ जाते हैं। हम उन्हें वापस जंगल में भेजने के लिए ड्रोन सर्वे और ट्रैकर तकनीक का उपयोग कर रहे हैं।"
इस तरह की घटनाओं के बढ़ने से वन्यजीव-मानव संघर्ष की समस्या एक बार फिर चर्चा में है। विशेषज्ञों का कहना है कि हाथियों के प्राकृतिक आवास में अतिक्रमण और भोजन-पानी की कमी के कारण वे मानव बस्तियों की ओर रुख कर रहे हैं