Jamshedpur: भगवान महावीर स्वामी की जयंती के पावन अवसर पर जमशेदपुर में जैन समाज द्वारा एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन पारंपरिक श्रद्धा और उल्लास के साथ किया गया। यह शोभायात्रा नरवे राम हंसराज स्कूल से प्रारंभ होकर बिष्टुपुर के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए पुनः स्कूल परिसर में आकर संपन्न हुई।
शोभायात्रा में समाज के विभिन्न वर्गों — महिलाओं, पुरुषों, युवाओं और बुजुर्गों — ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। श्रद्धालु भगवान महावीर के जयकारों के साथ झूमते, नाचते और भजन गाते हुए शोभायात्रा में शामिल हुए। रथ पर भगवान महावीर की भव्य प्रतिमा विराजमान थी, जिसे सुंदर पुष्पों से सजाया गया था और मार्ग में जगह-जगह श्रद्धालुओं द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।
सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय था। जैन अनुयायी पारंपरिक वेशभूषा में नज़र आए और उन्होंने समाज में एकता, शांति तथा अहिंसा का संदेश दिया। महिलाओं ने सिर पर मंगल कलश लेकर शोभायात्रा की शोभा बढ़ाई, वहीं बच्चों द्वारा प्रस्तुत धार्मिक झांकियाँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र बने।
शोभायात्रा के उपरांत स्कूल परिसर में भगवान महावीर की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की गई। श्रद्धालुओं ने प्रभु चरणों में नमन करते हुए समाज में नैतिक मूल्यों, शांति और अहिंसा के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर समाज के वरिष्ठ जनों ने भगवान महावीर के जीवन और उनके उपदेशों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज के समय में भगवान महावीर द्वारा दिया गया सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य का मार्ग अत्यंत जरूरी है। उनके सिद्धांत न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और वैश्विक शांति के लिए भी प्रेरणादायक हैं।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने यह भी कहा कि जैन धर्म केवल एक पूजा-पद्धति नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है, जो हर प्राणी के प्रति करुणा, दया और प्रेम का भाव रखने की प्रेरणा देता है।
इस आयोजन ने न केवल धार्मिक आस्था को अभिव्यक्त किया, बल्कि समाज को यह भी संदेश दिया कि आपसी प्रेम, भाईचारा और अहिंसा से ही एक सशक्त और शांतिपूर्ण समाज का निर्माण संभव है।