Seraikela: सतबहनी धीरजगंज निवासी मजदूर अभिजीत कालिंदी उस समय गंभीर रूप से घायल हो गया जब वह सारदा कंपनी के एक निर्माण स्थल पर कार्य कर रहा था।
कार्य के दौरान एक गंभीर हादसे में उसकी बीच की उंगली (मिडिल फिंगर) स्थायी रूप से कट गई।
वर्तमान में वह आदित्यपुर स्थित शिवा नर्सिंग होम में भर्ती है, जहां उसका इलाज चल रहा है। बावजूद इसके, न तो सारदा कंपनी और न ही ठेकेदार रणवीर ने पीड़ित को किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता या मुआवज़ा प्रदान किया है।
मजदूरी कर परिवार पालने वाले अभिजीत कालिंदी के लिए यह हादसा जीवन बदल देने वाला है। शरीर का स्थायी नुकसान और इलाज का खर्च मिलकर उसके परिवार पर भारी आर्थिक बोझ बन गया है।
कंपनी और ठेकेदार की यह बेरुखी अमानवीयता की पराकाष्ठा है। यह न केवल मजदूर अधिकारों का खुला उल्लंघन है, बल्कि कार्यस्थल की सुरक्षा में लापरवाही का स्पष्ट उदाहरण भी है।
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना पर गहरा आक्रोश जताया है और मांग की है कि पीड़ित मजदूर को शीघ्र उचित मुआवजा और नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
यह मामला मजदूरों की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। ज़रूरत है कि ऐसे गैर-जिम्मेदाराना रवैए वाले कंपनियों और ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि किसी और मजदूर को अपने हक के लिए संघर्ष न करना पड़े।