Rain Start Indian Corruption Exposed: देश में मानसून की पहली बारिश के साथ ही पुलों के गिरने की श्रृंखला भी शुरू हो गई है। गुजरात, झारखंड और पुणे जैसे राज्यों से लगातार पुल ढहने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
करोड़ों की लागत से तैयार हुए ये पुल कुछ महीनों या सालों में ही धराशायी हो रहे हैं, जिससे सरकार की निर्माण एजेंसियों और ठेकेदारों की पोल खुलती नजर आ रही है।
गुजरात में एक निर्माणाधीन पुल बह गया, तो झारखंड में एक पुल उद्घाटन से पहले ही ध्वस्त हो गया। वहीं पुणे में भारी बारिश के चलते एक पुल का हिस्सा नदी में समा गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि "यह प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का पुल है जो बारिश की हर बूंद से धुलकर नीचे गिर रहा है।"
राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में व्यस्त हैं, लेकिन जवाबदेही लेने को कोई तैयार नहीं।
सवाल यह है कि हर साल करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद हमारी बुनियादी संरचना इतनी कमजोर क्यों है?
क्या इसका जवाब कभी मिलेगा, या फिर अगली बारिश तक हम फिर किसी नए पुल के गिरने का इंतज़ार करें?